जिलाधिकारी ने कोटद्वार तहसील का किया निरीक्षण, रिकॉर्ड सुव्यवस्थित रखने व वसूली में तेजी के दिए निर्देश

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने आज कोटद्वार तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभिन्न अभिलेखों, पंजिकाओं एवं न्यायालयी रिकॉर्डों का गहन अवलोकन करते हुए सभी अभिलेखों को सुव्यवस्थित एवं अद्यतन रूप में संधारित किए जाने के निर्देश दिए।

तहसीलदार कक्ष में विवेकाधीन कोष के वितरण संबंधी पावती पंजिका का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी ने रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित पावतियों का विवरण 31 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

वसूली की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने अधिक संख्या में अमीनों की तैनाती के बावजूद वसूली की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और दैनिक वसूली कार्यवाही को पंजिका में दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने दैवीय आपदा की स्टेटमेंट पंजिका तैयार करने, एलआर-33 एवं एलआर-39 की पत्रावलियों का अवलोकन करने तथा पुराने वादों/प्रकरणों की शीघ्र सुनवाई व निस्तारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने डाक पंजिका को सुव्यवस्थित रखने, विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों का नियमित निस्तारण करने तथा शिकायतकर्ताओं को निस्तारण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने शिकायतों का समाधान कर आवेदक को भी सूचित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आधुनिक भू-अभिलेख कक्ष का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अविवादित नामांतरण प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण हेतु विशेष कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने एसडीएम कोर्ट की केस डायरी एवं शिकायत पंजिका में अस्पष्ट प्रविष्टियों पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि वादों की सुनवाई की तिथि पीठासीन अधिकारी स्वयं निर्धारित करें। उन्होंने पीठासीन अधिकारी को कोर्ट में नियमित बैठने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने वैयक्तिक सहायक कक्ष एवं शौचालय की मरम्मत, सुधारीकरण तथा तहसील परिसर की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने नजारत अनुभाग, मीटिंग हॉल एवं तहसील परिसर में प्रदर्शित दस बड़े बकायेदारों की सूची का भी अवलोकन किया और बकाया वसूली के लिए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने सबसे पुराने लंबित वादों की पत्रावलियां का अवलोकन किया तथा इन्हें फास्ट ट्रैक कर शीघ्र निस्तारण के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्थानीय नागरिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा अधिवक्ताओं से भी वार्ता की। उन्होंने उनकी समस्याओं एवं सुझावों को गंभीरता से सुना तथा प्रशासनिक स्तर पर त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।

इसके अलावा जिलाधिकारी ने कहा कि बिना लाइसेन्स पटाखों का भंडारण एवं विक्रय नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने चिह्नित सुरक्षित स्थानों पर ही विक्रय की अनुमति दिए जाने तथा इनका नियमित निरीक्षण भी किए जाने के निर्देश दिए।

साथ ही, जिलाधिकारी ने फरियादियों की शिकायतें भी सुनीं और संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण हेतु आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तहसीलों में अभिलेखों का सुव्यवस्थित रखरखाव, पारदर्शी वसूली व्यवस्था और त्वरित निस्तारण सुशासन की पहचान है। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक कार्य में समयबद्धता और जवाबदेही हो, ताकि आमजन को त्वरित व प्रभावी सेवा प्रदान की जा सके।

निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी शालिनी मौर्य, तहसीलदार साक्षी उपाध्याय, कानूनगो अतर सिंह, नाजिर अशोक चौहान सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

 

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