अवैध लिंग परीक्षण पर शिकंजा पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश

देहरादून जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में अपर जिलाधिकारी (एफआर) केके मिश्रा की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक हुई। जिसमें पीसीपीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान नवीन पंजीकरण हेतु 14 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के आवेदनों को समिति के समक्ष रखा गया। जिस पर समिति द्वारा विस्तृत चर्चा की गई।

अपर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण से पूर्व  आवेदकों को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र, भवन निर्माण हेतु एमडीडीए से प्राप्त एनओसी, अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था संबंधी प्रमाण पत्र और बायो मेडिकल वेस्ट एग्रीमेंट आवेदन के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर किसी भी केंद्र का पंजीकरण और नवीनीकरण नही किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि वांछित अभिलेख उपलब्ध न कराने पर किसी भी केंद्र का पंजीकरण न किया जाए। अपर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिला निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति जनपद में संचालित सभी केंद्रों का नियमित निरीक्षण एवं समीक्षा करें। केंद्र पर नई मशीन लगाने पर इसकी जांच की जाए। जनपद के ऐसे विकासखंड जहां पर लिंगानुपात कम है वहां पर विशेष ध्यान रखें। अपर जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में कहा कि अल्ट्रासाउंड इस्तेमाल उपचार तक ही सीमित रहे। तकनीक का उपयोग जनहित के लिए हो, भ्रूण परीक्षण जैसे अनैतिक कार्य करने वालों को जिले में कोई जगह नही है। ऐसा कृत्य करते पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए। इस दौरान तीन सेंटरों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की समिति द्वारा संस्तुति भी की गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 199 केंद्र संचालित है, जिसमें 407 अल्ट्रासाउंड मशीन है। इसमें 09 केंद्रों का नवीनीकरण होना है। इसके अतिरिक्त 14 नए केंद्र संचालन हेतु आवेदन प्राप्त हुए है। जनपद में लिंगानुपात की जानकारी देते हुए सीएमओ ने बताया कि जनपद का लिंगानुपात 937 है। सबसे कम लिंगानुपात ब्लाक सहसपुर में है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में सहसपुर में 873, रायपुर में 896, डोईवाला में 904, कालसी में 910, विकासनगर में 952 तथा चकराता में 1348 लिंगानुपात है। जिला निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति द्वारा सभी केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज कुमार शर्मा, पीसीपीएनडीटी के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ बिमलेश जोशी, संयुक्त निदेशक विधि जीसी पंचोली, अग्निशमन के डिप्टी डायरेक्टर एसके राणा, जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट जेपी नौटियाल, वरिष्ठ गायनोकॉलोजिस्ट डॉ शालिनी डिमरी, वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ निखिल, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी रतूडी सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।

 

 

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