देश-विदेश में हो रहे योगी आदित्यनाथ के नाम को नहीं पचा पा रहे विरोधी: विश्व हिंदू महासंघ भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज             

 

गबर सिंह भण्डारी

प्रयागराज/श्रीनगर गढ़वाल। आज विश्व हिंदू महासंघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत महाराज ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से योगी विरोधियों के खिलाफ जंग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि गंगे तवदर्शनान्मुक्ति के आशा व विश्वास के साथ कुछ अति उत्साही श्रद्धालु मेला प्रशासन की बैरिकेडिंग लांघकर अखाड़ों का शाही अमृत स्नान देखने की जिद्द पर संगम नोज पर चले गए,जहां पर पहले से ही बहुत से लोग स्नान की प्रतीक्षा में थे,अचानक भारी भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ मच गई और अपने कुछ लोग प्राण गंवा बैठे। जहां लोग हर-हर गंगे बोल रहे थें,वहां चीख-पुकार मच गई। महाराज व मेला प्रशासन की सारी मेहनत पर प्रश्न चिन्ह लग गया। इस दुखद घटना से विश्व हिंदू महासंघ भारत आहत है,भगवान मृतकों को सद्गति तथा शोकाकुल परिवार को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। सनातन संस्कृति व सामाजिक समरसता का महाकुंभ पर्व आज अपने सर्वोच्च शिखर पर है,दुनिया अमृत स्नान पर्व की एक झलक व एक बूंद जल लेने को आतुर है। योगी महाराज एक मुख्यमंत्री ही नहीं,एक योगी,एक संन्यासी हैं,एक पीठ के पीठाधीश्वर तथा बहुचर्चित नाथ पंथ के सर्वोच्च कर्ता-धर्ता भी है,वे सत्ता के लोभी नहीं अपितु हिंदुत्व पुनर्जागरण अभियान के महानायक हैं। अपनों से बिछुड़ने का दर्द भला योगी जी महाराज जी से अधिक कौन महसूस कर सकता है,जिसने सनातन धर्म के लिए विद्यार्थी जीवन में ही अपना सब कुछ त्याग दिया। पिता की मृत्यु पर भी कोरोना पीड़ित जनता को छोड़कर वे अंतिम संस्कार में नहीं गए। इस दुखद घटना से स्तब्ध महाराज जी अवाक् हैं,पीड़ितों को मदद पहुंचाने के बाद अपनत्व के कारण कुछ बोले भी तो लगा रो देंगे। शासन,प्रशासन तथा अनुशासन के ऊपर आत्मानुशासन है,इसी आत्म अनुशासन के अभाव व अकल्पनीय भीड़ के चलते 29 जनवरी की रात एक-दो बजे के बीच मौत जैसी अप्रत्याशित घटना घटी। गिद्ध दृष्टि जमाए नेताओं को एक मुद्दा मिल गया,दुखद घटना को योगी सरकार की बदइंतजामी कहना,योगी से त्यागपत्र मांगना,हजारों करोड़ रुपए का लेखा जोखा लेना,आम श्रध्दांलुओं की व्यवस्था को वीआईपी कल्चर कहना तथा विश्वस्तरीय व्यवस्था का मजाक उड़ाना,सब कुछ शुरू हो गया। उन्हें अपने शासन काल की करनी-करतब का ध्यान नहीं रहा,जब रात के अंधेरे में बेगुनाहों के सीने पर आग लगाई जाती थी,सेना का काम सीमा पर रक्षा करना होता है परंतु उन्हीं से अपने ही लोगों पर गोलियां चलवाई जाती थीं। योगी जी महाराज आकाश की ऊंचाई से सागर की गहराई नापने की क्षमता रखते हैं किंतु प्रकृति,विधि-विधान व अदृश्य शक्तियों के आगे किसी की कुछ नहीं चलती। सामाजिक समरसता के महाकुंभ व सनातन संस्कृति के इस अद्वितीय पर्व की ओर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं। काशी,अयोध्या,विंध्याचल तथा चित्रकूट में भी भीड़ का रिकॉर्ड टूट रहा है। दुनिया प्रयागराज अमृत स्नान पर्व की एक झलक पाने व एक बूंद जल पीने को आतुर है,दिग्दिगंत में योगी सरकार के जय जय की ध्वनि गूंज रही है,देश-दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूज्य महाराज व मेला अधिकारी विजय किरन आनंद की दिन का चैन व रात की नींद गायब है,अच्छी से अच्छी व्यवस्था करने के लिए वे दिन-रात जूझ रहे हैं। परंतु कुछ गिद्ध लोग इस व्यवस्था में बाल की खाल ढूंढ़ने में लगे हैं। तिल का ताड़ बनाकर छाती पर मूंग दल रहे हैं। यह सब निष्ठापूर्वक कार्य करने वालों का उपहास है जो ठीक नहीं है। कौन ऐसा है जिसकी मृतकों के प्रति संवेदना नहीं है।  स्वर्गवासी श्रद्धालुओं पर सियासत मत करो। बेहद संवेदनशील योगी जी महाराज मृतकों के परिवारों के लिए जितना भी हो सकेगा वह सब करेंगे। विश्व हिंदू महासंघ भारत योगी जी महाराज के साथ ढाल बनकर खड़ा है और व्यर्थ में गाल बजाने वालों का हर स्तर पर डटकर जवाब देगा,महासंघ योगी जी महाराज के खिलाफ किसी भी प्रकार का प्रोपोगेंडा बर्दास्त नहीं करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *