जसपाल नेगी
आज स्वास्थ्य विभाग पौड़ी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घंडियाल में अंतराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस पर जनजागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में चिकित्साधिकारी डॉ अजय सैनी ने कहा कि प्रति वर्ष शर्पदंश के बढ़ते केसों के कारण आज इस ओर जागरूकता की अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है उन्होंने कहा कि यदि सांप काटे तो बिल्कुल भी डरना या घबराना नहीं चाहिए, सांप के काटने पर यदि समय से उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को आसानी से बचाया जा सकता है उन्होंने कहा कि सांप के काटने पर झाड़ फूक आदि से दूर रहना चाहिए,उनके द्वारा सर्पदंश के लिए उपयोग होने वाली एंटी स्नेक वेनम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह सभी चिकित्सालयों में उपलब्ध है, शर्प दंश के लक्षणों को लेकर उन्होंने बताया कि सांप काटने वाली जगह पर दो घाव के निशान के अलावा हाथ पैर सुन्न होना,काटने की जगह पर तेज दर्द, मतली व उल्टी आना, सांस लेने में परेशानी,काटने की जगह पर लाली, बहुत पसीना आना जैसे लक्षण हो सकते हैं जिसमें घाव को बर्फ या पानी से नही धोना चाहिए व दबाव बनाकर खून को रोकने की कोशिश नही करनी चाहिए, घाव को चाकू आदि से नही काटना चाहिए व काटने वाली जगह पर चूस कर जहर निकालने की कोशिश भी नही करनी चाहिए। इसलिए कभी कोई ऐसी घटना हो तो व्यक्ति को बिल्कुल भी डरना व घबराना नहीं चाहिए जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को उपचार हेतु चिकित्सालय ले कर जाएं। डॉ सैनी द्वारा बताया गया कि 85 प्रतिशत सांप जहरीले नही होते, अपने घरों के आस पास सफाई रखें ईंट पत्थर लकड़ी इत्यादि के ढेर न रखें, चूहे के बिलों को बंद कर दें।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉo शिव मोहन शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय सर्प दंश दिवस पर सभी ब्लॉकों में जनजागरूकता गतिविधियां का आयोजन किया गया है। जनपद में अप्रैल से अभी तक सर्प दंश के 41 केस आए जिसमें समय पर उपचार मिलने से सभी लोग स्वस्थ हैं,इसके साथ ही सर्प दंश के बढ़ते मामलों को लेकर विभाग द्वारा जनपद के समस्त ब्लॉकों में सामुदायिक स्तर पर 21 सितंबर 2025 तक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर डॉo मीनाक्षी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक शरद रौतेला, तूलिका पंत,मीनू राणा,पंकज शाह, व अन्य लोग मौजूद रहे।