15 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने एक 98 मिनट लंबा भाषण दिया, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देशवासियों को प्रेरणादायक संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्वतंत्रता संग्राम के समय की कठिनाइयों और उपलब्धियों को याद किया। उन्होंने उल्लेख किया कि जब देश की जनसंख्या 40 करोड़ थी, तब भी हमने बड़ी शक्तियों को हराया। आज, जब हमारी जनसंख्या 140 करोड़ है, हमारी ताकत और अधिक बढ़ गई है।
संबोधन से पहले प्रधानमंत्री मोदी को स्वदेशी 105 एमएम लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई। इस समारोह में लगभग 6000 विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे, जिनमें अटल इनोवेशन मिशन से जुड़े लोग, मेरा युवा भारत के वॉलंटियर्स, आदिवासी समुदाय के सदस्य और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन आजादी के संघर्ष को याद करने का है. यह दिन सैंकड़ों साल की गुलामी और संघर्षों का रहा है. फिर चाहे युवा हो, बुजर्ग, महिला, आदिवासी या दलित हो. ये गुलामी के खिलाफ लड़ते रहे. इतिहास गवाह है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी आजादी की जंग लड़ी जा रही थी. गुलामी का इतना लंबा काल था, यातनाएं इतनी थी कि सामान्य से सामान्य मानवों का विश्वास तोड़ने की तरकीबें थी लेकिन उसके बावजूद उस समय देश के 40 करोड़ लोगों ने अदम्य साहस दिखाया, जज्बा दिखाया।
यह समारोह देश के लोकतंत्र और स्वतंत्रता की शक्ति को दर्शाता है, और विभिन्न समुदायों और पहलों की साझेदारी को प्रोत्साहित करता है।