जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बुधवार को विकास भवन एनआईसी कक्ष में डेंगू की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व नगर निकायों से अभी तक की गयी कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि नियमित रूप से निकायों में फॉगिंग व लोगों को डेंगू से बचने के लिये जागरुक करें।
आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों को घरों के बाहर पुराने बर्तनों, टायर, कूलर, गमलों सहित जिन वस्तुओं में पानी एकत्रित होता है, उनको हटाने के लिये कहा जाय। यदि बार-बार अनुरोध के बाद भी उनके द्वारा उक्त सामग्री नहीं हटायी जाती है, ऐसे लोगों के खिलाफ चालानी कर्रवाई करना सुनिश्चित करें। वहीं जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के प्रति जागरुक करें।
जिलाधिकारी ने नगर निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि नियमित रूप से बस्तियों में फॉगिंग करायें और प्रतिदिन उसकी फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय को दें। साथ ही ऐसे स्थानों को विशेष रूप से चिन्हित किया जाये जहां डेंगू फैलाने वाले मच्छर ज्यादा पनपते हों। ताकि निगम मच्छरों के लार्वा नष्ट करने के लिये प्रभावी कार्रवाही करें।
जिला मलेरिया अधिकारी इंद्रपाल सिंह ने बताया कि 23 अप्रैल से अब तक श्रीनगर, कोटद्वार, लक्ष्मणझूला, पौड़ी, सतपुली व कोट में 61379 घरों का भ्रमण किया गया है। जिनमें 180 घरों में मच्छर के लार्वा पाये गये लार्वा को तत्काल नष्ट किया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि जनवरी, 2025 से जून माह तक डेंगू की जांच के लिये 2279 आरडीटी और एलाइजा परीक्षण किये गये हैं। अभी तक कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एल.डी. सेमवाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल, सफाई निरीक्षक नगर पालिका पौड़ी हेमंत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।