मनोज नौडियाल
21 जनवरी को घुघुती पर्व महोत्सव सिगड्डी में कोटद्वार व गढ़वाल के कुमाऊं प्रवासियों से बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने का संगठन ने किया अनुरोध।
महोत्सव में कुमाउनी, झोड़ा व उत्राखंड की लोक-संस्कृति का होगा संगम महिला कीर्तन मंडली व स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा उत्राखंड की नृत्य और गायन की प्रतिभा का होगा प्रदर्शन
कोटद्वार। उत्तराखंड के लोक पर्वो में महत्वपूर्ण लोकपर्व मकरैणी/उत्तरैणी व कुमाऊं में घुघुती त्यौहार के नाम से जाना जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है।घुघुती पर्व को लेकर कोटद्वार में 180 वर्षों से अधिक समय से रहते आ रहे कुमाउंनी वंशजों द्वारा विगत वर्षों की भांति इस बार भी घुघुती त्यौहार को भव्यता से मनाने का निर्णय लिया है।
कोटद्वार में कुमाउनी वंशजों के कुमाऊ सामाजिक सांस्कृतिक मैत्री संगठन गुरुवार को घुघुती त्यौहार मनाने को लेकर कार्यकारिणी की बैठक संगठन के अस्थाई कार्यालय में आयोजित हुई। बैठक में कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि महोत्सव का आयोजन त्यौहार के दिन के बजाय दूसरे दिन मनाया जाए क्योंकि उस दिन कोटद्वार सहित आस पास के पड़ोसी गांवों में स्थानीय गेंद मेले का आयोजन होता है ।वहीं कुमाउनी परिवारों की महिलाएं त्यौहार के रीति-रिवाज में बहुत व्यस्त रहती है उन्हें त्यौहार के काम-काज से बहुत कम समय मिल पाता है, इसलिए उन दिन केवल त्यौहार की परम्पराओं को महत्व देने के निर्णय के साथ महोत्सव रविवार 21जनवरी को सिगड्डी में बनाने पर आम सहमति बनी।
महोत्सव को भव्य बनाने के लिए कुमाउनी झोड़ा नृत्य शैली व उत्राखंड की लोक-संस्कृति की सांस्कृतिक कार्यक्रम महिला कीर्तन मंडली व स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा कराए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही संगठन ने कोटद्वार व पौड़ी जिले में रहने वाले सभी कुमाउनी वंशजों को महोत्सव में अपनी प्रतिभा व सहयोग देने का अनुरोध किया है।बैठक में संगठन के संरक्षक शंकर दत्त जोशी, अध्यक्ष हुकुम सिंह नेगी, सचिव पुष्कर सिंह पवार, सांस्कृतिक सचिव दया शंकर फुलारा, कोषाध्यक्ष पूरन सिंह अधिकारी, उपाध्यक्ष कुबेर सिंह जलाल,संभव अधिकारी, श्रीमती बंसती अधिकारी, ऋतु अधिकारी, नीलम, कविता अधिकारी मौजूद रहे।