श्रीनगर गढ़वाल। धनतेरस पर्व के शुभ अवसर पर विकास खण्ड खिर्सू के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज मरखोड़ा में आज एक प्रेरणादायी एवं भावनात्मक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अरण्यक जन सेवा संस्था की ओर से छात्र-छात्राओं को ट्रैकसूट,पठन-पाठन सामग्री व बिस्कुट वितरित किए गए। इस मानवता और शिक्षा समर्पित पहल ने विद्यालय परिसर को उत्साह,उल्लास और प्रेरणा से भर दिया। मुख्य अतिथि स्वामी नित्यबोधानंद सरस्वती ने विद्यार्थियों को ज्ञान और कर्म के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि विद्या का अर्थ केवल जानकारी प्राप्त करना नहीं,बल्कि उसे जीवन में उतारकर समाज के कल्याण में लगाना ही सच्चा ज्ञान है। सुनील योगाचार्य ने छात्रों को जीवन में निवेश के तीन रूपों का सुंदर उदाहरण देते हुए समझाया पहला अल्पकालिक लाभ देने वाला फूल,दूसरा दीर्घकालिक फल देने वाला वृक्ष और तीसरा सबसे श्रेष्ठ निवेश संस्कार और संस्कृति का निवेश,जो पीढ़ियों तक फल देता है। उन्होंने छात्रों को समय प्रबंधन और आत्मविकास के सूत्र भी बताए। कार्यक्रम की संचालन भूमिका अध्यापक मनोज काला ने निभाई।
विद्यालय की ओर से स्वामी नित्यबोधानंद सरस्वती को शाल ओढ़ाकर तथा संस्था सचिव इंद्र दत्त रतूड़ी व सुनील योगाचार्य को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रधानाचार्य कैलाश पुंडीर ने अपने संबोधन में कहा अरण्यक जन सेवा संस्था द्वारा किया गया यह योगदान न केवल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करता है,बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरक संदेश है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं,बल्कि सहयोग और संवेदना का भी माध्यम है। हमारे विद्यार्थियों के चेहरे पर जो खुशी आज दिखी,वही इस कार्यक्रम की सच्ची सफलता है। कार्यक्रम के सफल संचालन और सहयोग के लिए शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष गबर सिंह भण्डारी ने संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा मेरे छोटे से प्रयास को आप सभी ने जिस आत्मीयता से स्वीकार किया और हमारे विद्यालय को सहयोग दिया,वह हमारे बच्चों के भविष्य को उज्जवल दिशा में अग्रसर करने वाला कदम है। इस अवसर पर अध्यापकगणों में सुनील बहुगुणा,जयप्रकाश डिमरी,नवीन कुमार रतूड़ी,देवेंद्र सिंह रावत,अरुणा नौटियाल,बबीता भूषण,नरेंद्र कोठारी,रविंद्र बड़थ्वाल,ग्राम प्रधान भैसकोट की सुनीता न्याल,कोठगी की प्रभा देवी,सामाजिक कार्यकर्ता उमेश न्याल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व अभिभावक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय परिवार ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए यह संकल्प लिया कि इस प्रकार की सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों को निरंतर जारी रखा जाएगा,जिससे शिक्षा के साथ मानवता और संस्कार की ज्योति सदैव प्रज्वलित बनी रहे।