मनोज नौडियाल
कोटद्वार क्षेत्र में बंदरों का आतंक बना हुआ है। नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत शायद ही कोई वार्ड या मोहल्ला ऐसा हो जहां आपको गलियों में घूमता हुआ बंदरों का झुंड न दिखाई दे। लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक से क्षेत्रवासी घरों में कैद होकर रह गए हैं। सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। कुछ दिन पूर्व गोविंदनगर में बंदर के हमले से बचने के प्रयास में एक व्यक्ति छत से नीचे गिर गया था। पिछले कुछ समय से क्षेत्र में बंदरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी रही है। सुबह से ही बंदर घरों में उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं। बंदरों के कारण वार्डवासियों का अपने घरों की छत पर कपड़े व अनाज सुखाना भी मुश्किल हो गया है। सिताबपुर निवासी शकुंतला और प्रमोद का कहना है कि बंदरों ने छतों में लगे टंकी के ढक्कन तक तोड दिए हैं। इतना ही नहीं बंदरों के डर से बच्चों ने घर के बाह ऐप पर पढ़ें तक छोड़ दिया है। अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने और लेने के लिए भी साथ में जाना पड़ रहा है। दरवाजे खुले होने पर बंदरों का झुंड घर के अंदर पहुंच जाता है और अगर इन्हें भगाने का प्रयास करते हैं तो ये काटने को दौड़ रहे हैं। बंदरों का झुंड मोहल्लों के साथ ही शहर की सड़कों पर भी घूम रहा है। ऐसे में अचानक से सड़क पार कर रहे बंदरों से दोपहिया वाहन चालकों को भी खतरा बना रहता है।