दीन दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म व ईश्वर की सच्ची पूजा

कोटद्वार आर्य गिरधारी लाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट (पंजीकृत) कोटद्वार के तत्वाधान में समाज सेविका श्रीमती सुनीता बिष्ट ने आर्य सुगंध केंद्र मूसेपुर नजीबाबाद में भर्ती अनाथ, विकलांग, बेसहारा, मूकबधिर मन्दबुद्धि व अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए लंगर की ब्यवस्था की व आर्य सुगन्ध केंद्र की प्रबंधिका श्रीमती कमलेश आर्य को ₹ 12000/- की आर्थिक सहायता राशि भेंट की ।सभा को संबोधित करते हुए आर्य गिरधारी लाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट (पंजीकृत) कोटद्वार के अध्यक्ष समाजसेवी सुरेन्द्र लाल आर्य “सर्वोदयी पुरूष” ने कहा की श्रीमती सुनीता बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, पूर्व ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख दुगड्डा वर्ष 2011 से नियमित रूप से केंद्र में रह रहे, अनाथ, विकलांगो व मूकबघिरों की तन, मन, धन से सेवा करती आ रही हैं, उन्होंने कहा कि दीन – दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म व ईश्वर की सच्ची पूजा है। आर्य समाज के संस्थापक महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है* बताया था ।आई टी इंजीनियर पुणे कुमारी रिदम नेगी पुत्री श्री रविन्द्र पाल सिंह नेगी ने भी इस आश्रम की सेवा करने का संकल्प लिया व निराश्रितों को मिष्ठान वितरण किया । केंद्र की प्रमुख श्रीमती कमलेश आर्य ने श्रीमती सुनीता बिष्ट का आभार व्यक्त किया व कहा कि दानदाताओं के सहयोग से ही वंचित, शोषित, उपेक्षित व बेसहारों ,गूंगे बहरे आदि की सेवा हो रही है ।इस अवसर पर श्रीमती सुनीता बिष्ट, इंजीनियर रिदम नेगी ,श्रीमती कुसुम असवाल पूर्व जिला पंचायत सदस्या,कमलेश आर्य, गरिमा आर्य व आश्रम वासी शामिल थे ।

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