उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को कालियासौड में कार्यकर्ताओं के साथ होने वाली बैठक में उनके द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया , उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ भारत की परिकल्पना के सपने को साकार करने के लिए वह और उनकी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
डॉ. रावत ने बताया कि उनके द्वारा विश्व में सबसे पहले उत्तराखंड में योग को वैलनेस सेंटर में प्रारंभ किया गया एवं राजकीय महाविद्यालयों में भी योग की शिक्षा प्रारंभ करने की प्रक्रिया गतिमान है और अब वह जिन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या दो सौ से अधिक है उनमें भी योग की शिक्षा को पढाने और सिखाने की योजना बना रहे हैं इससे छात्र-छात्राएं बचपन से ही योग को सीखेंगे और जीवन भर स्वस्थ रहेंगे साथ ही अपने घर वालों को भी योग की विधाएं सिखा कर संपूर्ण परिवार को स्वस्थ रख सकेंगे ।
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड ऐसा प्रदेश है, जहां हिमालय पर्वत पर अनेक ऋषि मुनियों ने योग के माध्यम से सिद्धि प्राप्त की है। इसीलिए वह देवभूमि से राष्ट्रीय स्तर पर एक संदेश देना चाहते है कि योग की शुरुआत अगर उत्तराखंड देवभूमि से हुई है तो प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहे इसका संदेश भी सबसे पहले उत्तराखंड की देवभूम से ही जाना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वस्थ रहने में मदद करता है। डॉ. रावत ने बताया कि उनका और उनकी सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रह सके और योग को अपने जीवन में अपनाए साथ ही योग प्रशिक्षको को भी रोजगार देकर बेरोजगारी के कुछ अंश को मिटाया जा सके ।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की इस पहल से उत्तराखंड में योग को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही लोग स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित भी होंगे ।
इस अवसर पर योग संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश भट्ट, भाजपा मंडल अध्यक्ष विनय घिल्डियाल,धारी देवी मंदिर के पुजारीगण आदि लोग मौजूद रहे ।