मनोज नौडियाल
लैंसडौन।लैंसडौन। वन प्रभाग के दुगड्डा रेंज के अंतर्गत 14 गांवों के काश्तकारों को वन्यजीवों के आतंक से निजात दिलाने के लिए सोलर फेंसिंग तारबाड़ योजना बजट के अभाव में अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है। शासन की ओर से इसके लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है, जिससे काश्तकारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।दुगड्डा रेंज के अंतर्गत उमरैला ग्रामसभा के राजस्व ग्राम उमरैला, महरगांव, ग्राम सभा सिमलचौड़ के राजस्व ग्राम अल्दावा, सिद्धपुर, कूरीखाल, गोदी छोटी, नाथूपुर, साझासैंण, गुनी बस्यूर, ग्रामसभा जमरगड्डी के वीणी जमरगड्डी, गोजेटा, आमसौड़ ग्रामसभा के आमसौड़, झिंडी डांडा गांव में ग्रामीणों की आजीविका का प्रमुख साधन खेती है। जंगली जानवर काश्तकारों की फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाते आ रहे हैं, जिससे काश्तकारों की आजीविका अगला प्रभावित हो रही है। ग्रामीण फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग तारबाड़ लगाने की मांग लगातार उठाते आ रहे हैं। पिछले साल सितंबर माह में वन विभाग की ओर से इन गांवों में सोलर फेंसिंग तारबाड़ लगाने के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। ग्रामसभा की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद लैंसडौन वन प्रभाग ने शासन से बजा डिमांड की थी। लेकिन अभी तक शासन की ओर से सोल ऐप पर पढ़ें लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे काश्तकार स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। काश्तकार मनोहर लाल, माधव नेगी, सुरेशानंद रावत, बलबीर सिंह और मनोज रावत का कहना है कि जंगली जानवर लगातार फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। शासन की ओर से उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।