कोटद्वार। मूल निवास 1950 के मुद्दे पर उत्तराखण्ड विकास पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक आज मंगलम कम्युनिटी सेंटर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता ठाकुर उम्मेद सिंह रावत ने की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में क्षेत्रीय प्रबुद्धजन, सामाजिक कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में वक्ताओं ने वर्तमान समय में देश के भीतर नागरिकता को लेकर उठ रहे सवालों पर गहरी चिंता व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा कि आज एक ऐसा माहौल बना दिया गया है जहाँ आम नागरिक को ही अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ रही है। उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट के हालिया निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी अब नागरिकता के पर्याप्त प्रमाण नहीं माने जा रहे हैं। ऐसे में मूल निवास 1950 ही एकमात्र ऐसा दस्तावेज है जो आम नागरिक की पहचान और उसकी जड़ों का प्रमाण है।
बैठक में यह भी कहा गया कि गढ़वाली भाषा, संस्कृति और पहचान को संरक्षित और समृद्ध करना आज की आवश्यकता है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि अगर हम स्वयं अपनी गढ़वाली संस्कृति को आगे नहीं बढ़ाएंगे तो हमारी पहचान खो जाएगी। गढ़वाली भाषा, मूल निवास, लोक परंपराएं—ये सभी हमारी सभ्यता की जड़ें हैं और इन्हें संजोकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
बैठक में मोटर नगर प्रकरण, रामनगर-चिल्लरखाल-हरिद्वार मोटर मार्ग, तथा फ्लश डोर फैक्ट्री जैसे लंबित मामलों के शीघ्र समाधान हेतु हरसंभव प्रयास करने पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से दीपक सिंह रावत, सुनील रावत, मनोज सिंह, विजय पाल सिंह रावत, महाराज सिंह बिष्ट, हर्षवर्धन ध्यानी, एडवोकेट किशन सिंह पंवार, इंद्रमणि देवरानी, दिनेश जुआल, रेंजर राजेंद्र प्रसाद पंत, सुदर्शन रावत, सुधांशु थपलियाल, सुदीप बौठियाल, शरद जदली, एडवोकेट विजय नैथानी, संजय मलासी, राकेश ध्यानी, के.पी. नैथानी, राजेंद्र प्रसाद कोटनाला, एस.एन. नौटियाल, अनिल जदली, मोहित थपलियाल, संदीप परिंदियाल, राकेश लखेड़ा, अभय काला आदि शामिल रहे।