राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया ईगास का पर्व

श्रीनगर (गढ़वाल)राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रारंभिक वर्ग रविवार को सानंद संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण वर्ग 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक श्रीनगर स्थित शिशु/विद्या मंदिर के प्रांगण में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए 85 स्वयंसेवकों ने सहभागिता की।

वर्ग के दौरान स्वयंसेवकों को प्रार्थना, एकल गीत, दंड प्रशिक्षण, योगासन, संघीय खेल सहित शारीरिक और मानसिक अनुशासन से जुड़ी मूलभूत विधाओं का अभ्यास कराया गया। वर्ग में बौद्धिक सत्रों का संचालन प्रांत शारीरिक प्रमुख सुनील , विभाग प्रचारक राहुल , गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. धन सिंह बिष्ट, तथा अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।

इस अवसर पर हिंदू जागरण मंच के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं भाजपा पौड़ी के जिला महामंत्री गणेश भट्ट, मार्शल स्कूल के प्रबंधक जैलेश सब्रवाल, रेनबो स्कूल के प्रबंधक ऋधिस उनियाल सहित अनेक प्रतिष्ठित स्वयंसेवकों ने प्रारंभिक वर्ग में प्रतिभाग किया ।

धूमधाम से मनाया गया ईगास (बग्वाल) पर्व

संघ के स्वयंसेवकों ने पारंपरिक ईगास बग्वाल पर्व को भी हर्षोल्लास एवं सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया। शिशु मंदिर श्रीनगर के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रांत शारीरिक प्रमुख सुनील ने दीप प्रज्वलित कर किया।

उन्होंने अपने संबोधन में ईगास पर्व के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह पर्व भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने की सूचना गढ़वाल क्षेत्र में 11 दिन बाद मिलने के कारण मनाया जाता है। साथ ही, उन्होंने वीर माधव सिंह भंडारी की तिब्बत विजय का उल्लेख करते हुए कहा कि लोक परंपराओं में ईगास गढ़वाल की अपनी दीपावली है, जिसे बड़े उत्साह से “बूढ़ी दिवाली” भी कहा जाता है।

पर्व के अवसर पर ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलू नृत्य, लोकगीत, और भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों के साथ स्थानीय नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। माधव सिंह भंडारी पर आधारित गीतों और पारंपरिक नृत्यों ने पूरे वातावरण को लोक संस्कृति की उमंग से भर दिया।

वर्ग की व्यवस्थाएं रही अनुशासित और प्रेरणादायक

तीन दिवसीय वर्ग एवं ईगास पर्व के सफल आयोजन में शारीरिक प्रमुख सुनील , विभाग प्रचारक राहुल , नगर प्रचारक मोहित , वर्ग व्यवस्था प्रमुख मनोज उनियाल, वर्ग प्रमुख संदीप राणा, मुख्य शिक्षक पुरुषोत्तम, वर्ग शारीरिक प्रमुख सागर, वर्ग बौद्धिक प्रमुख अमरजीत तथा वर्ग भोजनालय प्रमुख उपेंद्र सेमवाल सहित अनेक स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।

समापन अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज में अनुशासन, सेवा और राष्ट्रभक्ति की भावना को सशक्त करना है। इस वर्ग से प्रशिक्षित स्वयंसेवक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

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