स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में राजकीय इंटर कॉलेज केवर्स में अंतरराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग व हीमोग्लोबिन की जांच के साथ ही टीबी मुक्त पंचायत के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश कुंवर ने बताया कि प्रति वर्ष सर्पदंश के बढ़ते केसों के कारण आज इस ओर जागरूकता की अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सांप काटे तो बिल्कुल भी डरना या घबराना नहीं चाहिए आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि सांप के काटने पर यदि समय से उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को आसानी से बचाया जा सकता है। उन्होंने सर्पदंश के लिए उपयोग होने वाली एंटी स्नेक वेनम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह सभी चिकित्सालयों में उपलब्ध है। सर्पदंश के लक्षणों को लेकर उन्होंने बताया कि सांप काटने वाली जगह पर दो घाव के निशान के अलावा हाथ पैर सुन्न होना, काटने की जगह पर तेज दर्द, उल्टी आना, सांस लेने में परेशानी, काटने की जगह पर लाली, बहुत पसीना आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। जिसमें घाव को बर्फ या पानी से नहीं धोना चाहिए व दबाव बनाकर खून को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा की अप्रैल से अभी तक जनपद में सर्पदंश के 30 केस आ चुके हैं समय से उपचार मिलने के उपरांत सभी लोग स्वस्थ हैं इसलिए कभी कोई ऐसी घटना हो तो व्यक्ति को बिल्कुल भी डरना व घबराना नहीं चाहिए जितनी जल्दी हो सके व्यक्ति को उपचार हेतु चिकित्सालय ले कर जाएं।
कार्यक्रम में वन विभाग से वन दरोगा करिश्मा कहा कि सभी सांप की प्रजाति में 85 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते, अपने घरों के आस पास सफाई रखें ईंट पत्थर लकड़ी इत्यादि के ढेर न रखें, चूहे के बिलों को बंद कर दें। उन्होंने बताया कि सांप को मारना भी कानूनी अपराध है इसलिए कभी भी सांप दिखे तो वन विभाग की टीम को सूचित करें।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य किशोर रौतेला, डॉ. आशीष गुसाईं, डॉ. शशांक उनियाल, डॉ. पंकज जुयाल, श्वेता गुसाईं, ए.एन.एम. नीलम, शकुंतला नेगी, वन दरोगा राकेश रावत, वन बीट अधिकारी पंकज नेगी सहित अन्य शिक्षक व छात्र छात्राएं मौजूद रहे।