भागती हुई सी इन परछाइयों मैं, खड़ी हुई मैं अभी अभी

नीलम नेगी

नीलम नेगी उत्तराखंड मे पली बड़ी और शिक्षा ग्रहण की, एक कुशल motivational speaker के तौर पर अपनी कविताओ और भाषण के द्वारा आज के तनावपूर्ण और भ्रष्टाचार से भरे माहौल मे युवाओं और महिलाओं को जीवन में सही फैसला लेने के लिए प्रेरित कर चुकी हूं।नीलम नेगी राम मंच से जुड़ी है, जो निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समान न्याय तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए कामकर रही है।

उनकी कविता संग्रह से एक कविता
भागती हुई सी इन परछाइयों मैं, खड़ी हुई मैं अभी अभी, कामयाबियों के वृक्षों के बीच, कली चटकी एक नन्ही सी, थक के बैठ जाना भूल चुकी चलना सीखा है अभी अभी, व्योम है भरा तारो से अपने, ओढ़ ली मैंने चादर उमीदो की नयी सी,
बुनने लगी हो पंखो को अपने, उड़ चलूंगी कभी कही, पा लिया कामयाबी का शिखर आज, बस बचमन का पैमाना छूट गया अभी अभी।

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