जानिए क्या कहा आई फ्लू के मामले में देश के सबसे बड़े आई स्पेशलिस्ट ने

आई फ्लू एक तरह का आंखों का वायरस है। इससे ग्रसित होने पर इंसान की आंखें लाल हो जाती हैं। उनमें खुजली होने लगती है। इतना ही नहीं आंखों से पानी भी बहने लगता है। इस वायरस के मरीज को लाइट से दिक्कत महूसस होती है और आंखें सूज भी जाती हैं।ऐम्स के आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेलमिक साइंसेज के प्रमुख डॉ. जे.एस. टिटियाल ने कहा ‘किसी भी मरीज की आंखें देखने से यह बीमारी नहीं फैलती। उन्होंने बताया कि लोगों में इसे लेकर बड़ी गलतफहमी फैली हुई है। इस संक्रमण से बचने के लिए आपको संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वायरस आमतौर पर आई फ्लू सर्फेस से फैलता है।  जे.एस. टिटियाल ने बताया कि अगर आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति कहीं हाथ लगाए और उस जगह के संपर्क में आने वाला व्यक्ति अपनी आंखों पर हाथ लगा ले तो यह वायरस फैल सकता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। उसकी तौलिया, बेडशीट, तकिया का यूज न करें। कपड़ों के जरिए भी आई फ्लू फैल सकता है। जितना हो सके आंखों को बार-बार चट करने से बचें। आई-फ्लू से बचने के लिए आप हाथों को साफ करते रहें। अपनी आंखों को गंदे हाथों से छूने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि हाथों के जरिए वायरस आंखों में पहुंच सकता है।

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