जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला पंचायत राज अधिकारी व समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निर्मित सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव तथा नियमित स्वच्छता के संबंध में निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, मनरेगा राज्य वित्त, केन्द्रीय वित्त के केन्द्राभिसरण, विधायक निधि व सांसद निधि से अनेकों स्थानों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है तथा अधिकांश स्थानों पर ऐसे शौचालय रख-रखाव के अभाव में खराब स्थिति में रहते हैं। पंचायतों के पास प्रत्येक स्तर पर 30 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता के लिये टाईड फण्ड के रूप में उपलब्ध है। फिर भी इनकी नियमित सफाई की व्यवस्था न होने पर उन्होंने नाराजगी जतायी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इन शौचालयों का रख-रखाव संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा संबंधित बाजार समितियों तथा यूजर्स से यूजर चार्ज लेकर किया जाए तथा पंचायतों में अभियान चलाकर आगामी 15 दिनों के अन्दर अनिवार्य रूप से प्रत्येक सामुदायिक शौचालय की सफाई करवाकर प्रयोग करने की स्थिति में स्थापित किया जाए। इसके अतिरिक्त बाजार समितियों के सहयोग से, यूजर चार्ज अथवा टाईड फण्ड से नियमित रूप से इनकी स्वच्छता बनाई रखी जाए।
इसके बाद इन सभी सार्वजनिक शौचालयों का ऑडिट जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से किया जायेगा। इस प्रकार किसी सार्वजनिक शौचालय में गन्दगी की स्थिति पाई जाने पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत तथा खण्ड विकास अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी।