उत्तराखंडी प्रवासियों ने बनाया अपना दल हिमालय क्रांति पार्टी     

गब्बर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। विगत दिवस उत्तराखंड के प्रवासियों ने अब खुद को राजनीतिक दल के रूप में संगठित करने की पहल की है। अब तक वन यूके सामाजिक संगठन के बैनर तले उत्तराखंड के मुद्दों पर आवाज उठाने वाले प्रवासियों ने गढ़वाल भवन पंचकुईया रोड नई दिल्ली में बैठक आयोजित हुई। आज हिमालय क्रांति पार्टी का पहला अधिवेशन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। अधिवेशन में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे जहां उत्तराखंड के सभी जिलों से लोग आए थे। बहुत सी सामाजिक संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर अधिवेशन में हिस्सा लिया। उत्तराखंड की दशा को देखकर उत्तराखंड में बड़े परिवर्तन के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत हिमालय क्रांति पार्टी ने की है जिसका श्रेय उत्तराखंड के युवाओं को जाता है। हालांकि बहुत से वरिष्ठ साथी भी उपस्थित रहे। उत्तराखंड की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में और भू कानून,मूल निवास 1950,हर परिवार एक रोजगार,इत्यादि समस्याओं को लेकर विचार मंथन हुआ। अधिवेशन का संचालन महेश उपाध्याय ने किया। पार्टी के अध्यक्ष अजय बिष्ट ने बताया कि इस पार्टी का गठन एक मजबूरी के कारण हुआ है ना कि स्वेच्छा से। उत्तराखंड के नेताओं और सरकारों द्वारा उत्तराखंड की जनता की उपेक्षा हुई है। क्षेत्रीय विकास के नाम पर कुछ भी कार्य नहीं हुआ है और विकास रुका पड़ा है। राष्ट्रीय महासचिव शंकर दत्त सती ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या पलायन को लेकर गहन चिंतन हुआ और उसके बाद हिमालय क्रांति पार्टी का जन्म हुआ। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पार्टी में नौजवान लोग जो पढ़े लिखे,आईटी क्षेत्र,सरकारी नौकरी,अपना स्वरोजगार करने वाले और सेवानिवृत्त लोग सम्मिलित रहे।

पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लाल सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड की समस्याओं को जनता के सम्मुख रखा और उनको उत्तराखंड की दशा से अवगत कराया। साथ ही साथ उत्तराखंड की जनता से हिमालय क्रान्ति पार्टी को तन-मन-धन से समर्थन व सहयोग करने का आवाहन किया। लाल सिंह बिष्ट ने जनता को अवगत कराया कि इस पार्टी का मूल मंत्र है इमानदार,कर्मठ और काबिल व्यक्ति को नेतृत्व देना है। उपस्थित लोगों में एक नया जोश दिखा जो उत्तराखंड में परिवर्तन के लिए बहुत समय से एक ऐसी पार्टी की ओर देख रहे थे जो उनका सही नेतृत्व करे। सभी ने हिमालय क्रांति पार्टी की इस पहल का स्वागत किया और जनता के बीच जाकर प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया। पहले अधिवेशन में बहुत लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी के महासचिव शंकर दत्त जी ने लोगों से आह्वान किया कि आप अधिक से अधिक सहयोग करें अपने उत्तराखंड को बचाने के लिए और पार्टी के साथ अन्य लोगों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ें। पार्टी के अधिवेशन में लाल सिंह बिष्ट,महेश उपाध्याय,शंकर दत्त सती,घनश्याम दत्त भगत,रामदत्त,दिनेश रावत,राजेंद्र शर्मा,भूपेंद्र पांडे,बबीता नेगी,जयश्री,शोभा गैरोला,शिवप्रसाद बलूनी,संदीप राणा, दीपक रावत,राजेंद्र रावत,सुनील पवार,हरदा कुमाऊनी,गोविंद बिष्ट,गब्बर सिंह चौहान,पवन नेगी,पंचम नेगी,हीरा सिंह बिष्ट,संजय सिंह,नरेंद्र सिंह रावत,राजेंद्र मनराल,शशि बडोला,शांति पालीवाल,नीलम बिष्ट,इत्यादि उपस्थित रहे|

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