मनोज नौटियाल
कोटद्वार।नगर निगम के अंतर्गत लालपुर स्थित एक बारातघर के सभागार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर गुरुवार को प्रवचन करते हुए आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने कहा कि आनन्द में डूब जाने का ज्ञान ही ब्रह्मज्ञान है।उन्होंने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति में सुख की आसक्ति सबसे बड़ी बाधा है। सुख की चाहत से ही दुख पैदा होता है। कहा कि दूसरों को सुख देने की वृत्ति से हमारा प्रवाह जड़ता से हटकर चिन्मयता की तरफ हो जाएगा और हमें परमात्मा की प्राप्ति हो जाएगी। तत्पश्चात उन्होंने कृष्ण जन्म से जुड़ी कई कथाएं और भजन सुनाकर भक्तों को अगला भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर सुशीला बलूनी, प्रदीप बलुनी अनिल बलूनी, ऋषि कंडवाल,अनील बलूनी, रमेश जखवाल, शिखा जखवाल और वीरेंद्र खंतवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।