श्रीनगर गढ़वाल।श्रीनगर आज 22 मार्च 2024 को वर्चुअल के माध्यम से अटल भारत सम्मान फाउंडेशन के तहत मां डेन्टल क्लीनिक इन्टरप्राइसेस में विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संवर्धन पर एक विचार गोष्ठी के आयोजन के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें आज वरिष्ठ वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये,जल ही जीवन है पानी के बिना जीवन की कल्पना करना संभव है। जल संरक्षण और जल के रख रखाव को लेकर दुनिया भर में लोगों में जागरूकता फैलाने के हेतु विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
विश्व जल दिवस के मौके पर अटल भारत सम्मान फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम राणावत ने कहा कि हमारा अपने भारत वर्ष में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुरक्षित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा कि ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई थी तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया,कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व साफ किया योग्य जल का महत्व आदि विषय में बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे बताया कि वर्ष 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में अपने एजेंडा 21 में रियो डी जेनेरियो में इसका प्रस्ताव दिया था संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग चार बिलियन लोग वर्ष में काम से कम एक महीने के लिए पानी की भारी कमी का अनुभव करते हैं और लगभग 1.6 बिलियन लोग दुनिया की आबादी का लगभग एक चौथाई एक स्वच्छ सुरक्षित जल पहुंचने में समस्याएं हैं। विश्व जल दिवस के मौके पर डॉ.नवीन सिंह कंडारी ने अपने विचार रखें जिसमें उन्होंने सभी जीव-जन्तुओं के पीने,जीवित रहने,पेड़-पौधों के लिए,खेती करने आदि के लिए जल की आवश्यकता होती है।
जल ही जीवन है,क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दुनिया भर में कई ऐसे हिस्से हैं,जहां पानी की कमी बनी रहती है। दुनिया में लोग जाने अनजाने में पानी की बर्बादी करते हैं और बहुत जल्द सभी को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
इस मौके पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी गबर सिंह भण्डारी ने कहा कि आज जल का अनावश्यक दोहन हो रहा है। बढ़ती जनसंख्या और औद्योगीकरण के कारण पानी की खपत में बढ़ोतरी हुई है। विश्व भर में सभी देशों में जल के संरक्षण उपयोगिता और महत्व को समझाने के लिए और बढ़ते जल संकट की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने को है।
इस अवसर पर डॉ.डी.पी.तोमर ने कहा कि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीवधारियों,पशु-पक्षियों और पर्यावरण सभी के लिए जल अनिवार्य है। आइये हम सब जल संरक्षण की शपथ लें और जल ही जीवन से हमे पानी की एक-एक बूंद को संरक्षित करना हैं।
इस अवसर पर अटल भारत सम्मान फाउंडेशन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ.पी.एस.प्रजापति ने कहा कि पृथ्वी के सभी जीवो एवं वनस्पतियों के लिए जल एक बहुमूल्य सम्पदा है,इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती,पृथ्वी पर मौजूद कल पानी का अधिकतर जल खारे के रूप में समुद्र एवं महासागरों में उपस्थित है,कुछ प्रतिशत ही स्वच्छ व मीठे जल के लिए उपलब्ध है,जल का व्यर्थ उपयोग हमारे जीवन को संकट में डाल सकता है,जनसंख्या और औद्योगीकीकरण के कारण दुनिया के सभी देश पर जल संकट आ रहा है,इसलिए अति जल प्रभाव को रोकना,विनाश को रोकना वर्ष के जल को सुरक्षित करना अति आवश्यक है। इस अवसर पर अटल भारत सम्मान फाउंडेशन आप सभी से निवेदन करता है कि जितना हो सके उतना जल संसाधन को साफ और स्वच्छ बनाना हम सभी देशवासियों का कर्तव्य है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां पानी के लिए न तरसे। इस अवसर पर जसपाल सिंह नेगी जिला अध्यक्ष नेशनलिस्ट यूनियन यूनियन आफॅ जर्नलिस्ट्स,नरीलाल निर्वेद्र,जयप्रकाश पत्रकार,प्रदीप कुमार पत्रकार,अभिषेक घिल्डियाल,डॉ.जतिन कुमार,डॉ.स्मिता बड़थ्वाल,दुर्गेश फौजी,पवन बंसल,हरीश बहुगुणा,सुरत चौहान,राजेश कुमार,कु.रोशनी आदि लोग उपस्थित थे।