उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के निर्देश पर 02 अक्टूबर ‘गांधी जयंती’ को जिला कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष विनोद डबराल की अगुआई में कांग्रेसियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156 वीं जयंती के साथ ही भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की 121 वीं जयंती को ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाते हुए प्रथमत: दोनों विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए सृद्धासुमन अर्पित कर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि 02 अक्टूबर 1869 गुजरात पोरबंदर एक समृद्ध परिवार में जन्मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश की आजादी के प्रमुख नायक रहे, 1891 में इंग्लैंड से बेरिस्ट्री करने के बाबजूद उन्होंने देश की आजादी के संघर्ष के मार्ग को चुना और आजादी के सबसे बड़े आंदोलनों- ‘सबिनय अवज्ञा आन्दोलन’ ‘असहयोग आंदोलन’ ‘नमक आंदोलन’ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की अगुआई के साथ गांधी के सिद्धांतों सत्य, अहिंसा, प्रेम, सदभाव ने उन्हें विश्वपटल पर सर्वमान्य तौर पर स्थापित कर दिया।
02 अक्टूबर1904 को मुगलसराय UP में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री को स्मरण करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1962 में चीन से पराजय और 1965 भारत -पाक युद्ध के बाद उत्पन्न परिस्थिति में देश वासियों, सैनिकों और किसानों में नए उत्साह का सृजन के लिए दिया गया शास्त्री जी ने लोकप्रिय नारा “जय जवान जय किसान” अभी भी लोगों के दिलों में बसने के साथ आज भी प्रासंगिक है। शास्त्री जी को मरणोपरांत 1966 में भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर उत्तराखंड आंदोलनकारियों के साथ हुए अत्याचार के काले दिन को याद करते हुए रामपुर तिराहे कांड की बर्षी पर शहीदों को भी श्रृद्धाजंलि अर्पित की गई।
बशिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश चंद्र खंतवाल की अगुआई में संचालित कार्यक्रम में बलबीर सिंह रावत, बीरेंद्र सिंह रावत, गोपाल सिंह गुसाईं, दलीप सिंह रावत एवं लक्ष्मी चौहान (वरिष्ठ उपा.) शीला भारती, गोकुल सिंह नेगी,भारत सिंह नेगी कृपाल सिंह नेगी , (जिला महामंत्री) जावेद हुसैन (सोशल मी. प्र) मो. स्वाले (जिलाध्यक्ष अल्पसंख्य प्र) पार्षद नईम अहमद एवं श्रीधर प्रसाद बेदवाल , प्रेम सिंह पयाल, नरेन्द्र सिंह नेगी, चंद्र मोहन रावत, गबर सिंह रावत, राजा आर्य, प्रदीप नेगी आदि सम्मिलित थे।