मनोज नौडियाल
/जयपुर/ वर्ल्ड एड्स डे पर रेज़ आशा की एक किरण (गैर सरकारी संगठन)जयपुर राजस्थान जो एचआईवी पॉजिटिव बच्चों के लिए वर्ष 2010 से निरंतर इन बच्चों के उत्थान और विकास के लिए कार्य कर रही है की ओर से महानगरी जयपुर के जवाहर सर्किल स्थित – पत्रिका गेट परएड्स जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।
रेज़ एनजीओ के संस्थापक सचिव कैप्टन गुरिंदर विर्क व सह संस्थापिका रश्मि कुच्छल ने रेज़ से जुड़े अपने उद्देश्यों को लोगों के समक्ष रखा।यह एक राष्ट्र व्यापी अभियान है ।
एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को लेकर व इस लाइलाज बीमारी को फैलने से किस प्रकार रोका जाए उसे लेकर नुक्कड़ नाटक *हमें भी जीने का हक़ है का मंचन रंगकर्मी अरशिया परवीन के निर्देशन में किया गया। जिसमें एचआईवी से ग्रस्त लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता जैसी बुराईयों को दिखाया गया।
जिसे दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है जागरूकता।क्योंकि हम 22वीं सदी के युवा हमारी सोच और हमारी आवाज़ में इतनी ताकत होनी चाहिए कि हम समाज में मौजूद हर बुराई को जड़ से खत्म कर सकें।एड्स दिवस पर रेज़ के मंच पर LGBTQ जैसे गंभीर मुद्दों पर उसी कम्युनिटी से जुड़े लोगों के साथ चर्चा की गई।
उन्हें अपने जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा करने का मौका मिला।इस जागरूकता कार्यक्रम में पॉजिटिव युवा के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता पूनम खंगारोत, अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समाज आयोग की सदस्य वंदना मिश्रा , अपरा कुच्छल, हेमचंद्र ताम्हणकर, कुणाल कुच्छल, एस. डी. खाड़िया (अध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समाज आयोग), निर्भया स्क्वाड का दल ,सी डब्ल्यू सी डिपार्टमेंट के सदस्यों के साथ-साथ कॉलेज व युनिवर्सिटी के युवाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।