उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा कांग्रेस के 23 सालों के शासनकाल में उत्तराखण्ड की पहाड़ी राज्य होने की अवधारणा ध्वस्त हो गई है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने इस राज्य के विकास के लिए काम ही नहीं किया। यहां के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का फोकस केवल देहरादून, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर और हरिद्वार के विकास और वहां निवास करने में लग रहा, जिस वजह से पहाड़ों में स्थितियां और खराब हो गईं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि यह आरोप हम नहीं लगा रहे हैं, यह चुनाव आयोग के लोकसभा सीटों के लिए दिए गए आंकड़े हैं जो चीख चीख कर गवाही दे रहे हैं, कि उत्तराखण्ड के पहाड़ों से पलायन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि गढ़वाल संसदीय लोकसभा सीट में थराली विधानसभा से 680 मतदाता 2019 से अब तक घट चुके हैं। ऐसे ही लैंसडौन विधानसभा सीट जो कि उत्तर प्रदेश के जमाने में एक प्रतिष्ठित सीट मानी जाती थी, उस सीट से भी 6,586 मतदाता घट गए हैं। लैंसडाउन में वर्ष 2019 में 85,647 मतदाता थे, जो आज घटकर 79,061 रह गए हैं। ऐसे ही चौबट्टाखाल विधानसभा में 4,458 मतदाता घट गए हैं। पौड़ी विधानसभा में 4,132 मतदाता कम हो गए हैं। कर्णप्रयाग विधानसभा में 1,390 मतदाता कम हो गए हैं, और बद्रीनाथ विधानसभा में 776 मतदाता कम हो गए हैं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि यह आकड़ा बताता है कि उत्तराखण्ड में पहाड़ के विकास के लिए जो करोड़ों रुपए के विज्ञापन खर्च करते हैं उनका कितना असर पहाड़ पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमने अब भी आंखें नहीं खोली तो न केवल पहाड़ पर जीवन दुर्भर हो जाएगा वरन वो लोग जो पलायन करके मैदानी क्षेत्रों में आ रहे हैं वो मैदानों में भी दिक्कतें पैदा करेंगे। इस वजह से पहाड़ और मैदान का संतुलन खत्म हो जाएगा और नेता अपने वोट बैंक के लिए इसे मैदान पहाड़ में बांटने जैसी घिनौनी कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि यह गलती केवल और केवल भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की है, जिनकी संकीर्ण सोच की वजह से पहाड़ का समुचित विकास नहीं हो पाया है।