देवभूमि उत्तराखंड का पारंपरिक प्रसिद्ध फूलदेई पर्व का हुआ आगाज                                                                                         

गबर सिंह भण्डारी

श्रीनगर गढ़वाल। देवभूमि उत्तराखंड का पारंपरिक प्रसिद्ध फूलदेई पर्व श्रीक्षेत्र के नागेश्वर महादेव मंदिर के महंत नितिन पुरी ने पूजा अर्चना के साथ किया शुभारंभ। चैत का महिना उत्तराखंड के लिए विशेष पारम्परिक महत्व रखता है सांस्कृतिक एकता का प्रतीक लोकपर्व फूलदेई गढ़वाल के प्राचीन रीति-रिवाजों को सम्मान देने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। फूलदेई देवभूमि का सांस्कृतिक त्योहार ही नहीं बल्कि प्रकृति और समाज के प्रति प्रेम की भावना दर्शाता है।

 

इस दौरान बच्चें घर-घर जाकर आंगन की देहरी पर फूल डालते हैं और “फूल देई छम्मा देई,दैण द्वार भर भकार,तीन डेलि सौ नमस्कार,पूजें द्वार बारम्बार,फूले द्वार,फूल देई-फूल देई” गाते हुए सुख समृद्धि की कामना करते हैं,यह देहरी फूलों से भरपूर और मंगलकारी हो,सबकी रक्षा करे और घर में अन्न के भण्डार कभी खाली न होने दें।

यह पर्व बच्चों के लिए खुशी और उमंग का अवसर लेकर आता है,उत्तराखंड में मार्च से अप्रैल तक इस अनूठे बाल पर्व फुलारी त्योहार से बच्चों को वैज्ञानिक आध्यात्मिक संस्कृत व सामाजिक गतिविधियों को जानने व समझने का अवसर प्राप्त होता है,बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर आरती भण्डारी ने इस शुभ अवसर पर कहा कि फूलदेई पर्व प्रकृति से जुड़ा यानी बसंत आगमन की खुशी ऋतुराज बसंत का स्वागत प्रतीक है,हमारे उत्तराखंड के त्यौहार एवं पर्व हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं और साथ ही वह हमारी समृद्ध परंपराओं के वाहक भी होते हैं।

फूलदेई कार्यक्रम शोभायात्रा पूरे शहर में निकाली गई जहां पर शहर के सांस्कृतिक प्रेमी, समाजसेवी,बुद्धिजीवियों,मातृशक्ति एवं आम-जनमानस ने जोरदार स्वागत किया। इस कार्यक्रम के आयोजन फूलदेई सामाजिक एवं सांस्कृतिक कला मंच श्रीनगर द्वारा स्वाणी फ्यूली प्रतियोगिता आयोजित की गई और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया जिसमें प्रथम स्थान स्काईलैंड़ पब्लिक स्कूल,द्वितीय स्थान भगवती मैमोरियल पब्लिक स्कूल और तृतीय स्थान दिल्ली पब्लिक स्कूल में प्राप्त किया। स्वाणी फ्यूली प्रतियोगिता के प्रभारी अनूप बहुगुणा,बीरेंद्र रतूड़ी और निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रमेन्द्र लिंगवाल,चंद्र मोहन सिंह बिष्ट,विपिन गौतम,संजय नौडियाल,जयदयाल चौहान,शंकर कैंथोला,अभिषेक बहुगुणा,पंकज नैथानी,रेखा रावत,पूनम रतूड़ी,प्रकाश रावत,अरविंद नेगी,मुकेश काला रहे। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में फूलदेई सामाजिक एवं सांस्कृतिक कला मंचके सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

कार्यक्रम में मातृशक्ति,सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े रंगकर्मियों के साथ ही भारी संख्या में श्रीक्षेत्र के लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर महन्त नितिन पुरी,अनूप बहुगुणा,महेश गिरी,पूर्व जिला पंचायत सदस्य लखपत सिंह भण्डारी,श्रीनगर व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल,सांस्कृतिक रंगकर्मी सुभाष पांडे,सांस्कृतिक रंगकर्मी प्रकाश चन्द्र चमोली,योगाचार्य गणेश भट्ट,सामाजसेवी राजीव बिश्नोई,नगर निगम पार्षद झाबर सिंह रावत,शकर मणि मिश्रा,दिनेश पटवाल,पंकज सती,उज्जवल अग्रवाल,जयपाल सिंह बिष्ट,हिमांशु बहुगुणा,सुमित बिष्ट,विकास चौहान,विजय चमोली,अक्षत नैथानी,शुभम प्रभाकर,राजकुमार,महिला पार्षद रजनी भंडारी,रश्मि देवी,अंजना डोभाल,अंजना रावत अन्य लोगों में अभिषेक बहुगुणा,हरि सिंह बिष्ट,सुरेंद्र चौहान,कुशलानंद भट्ट,सुधीर डंगवाल,राजपाल सजवाण,छवि अग्रवाल,अमित धनाई,अंकुर रावत,उत्तम भंडारी,अभिषेक बहुगुणा,साहिल असवाल,अभिषेक नौटियाल,अभिनव बहुगुणा,कुशलानाथ,राजेन्द्र सिंह रावत फौजी,देवेंद्र भट्ट,कालीचरण,प्रमिला भंडारी,आशा घिल्डियाल,पूजा गौतम,ऊषा गौतम आदि लोग उपस्थित रहे।

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