सी एम हेल्पलाइन नम्बर 1905 मेें समस्याओं का समाधान व निराकरण न होने पर आम जनता में आक्रोश

मनोज नौडियाल

उत्तराखंड सी एम हेल्पलाइन नम्बर 1905 को सरकार की सर्वश्रेष्ठ सेवाओं और उपलब्धियों में शुमार किया जाता है,लेकिन इसके ठीक विपरीत इस हेल्पलाइन में समस्याओं का समाधान होता न देख आम जनमानस आक्रोश व गुस्से में है।यहाँ पर बात करते हैं, उत्तराखण्ड के अग्रणी जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल प्रखंड के अन्तर्गत ग्राम द्वारी में घटित तीन समस्याओं की जो शिकायत संख्या 447246 दिनांक 24/09/2023 में दर्ज करायी गयी है।मामला इस प्रकार है कि ग्राम द्वारी में 12-13 साल पहले एक दो मंजिला भवन तैयार किया गया था,जो कि राजस्व उप निरीक्षक पैनों 3 के कार्यालय/आवास के लिए आवंटित था।लेकिन विभाग ने इस पर राजस्व उप निरीक्षक को शिफ्ट नहीं किया। जबकि भवन टकाटक तैयार था।गृह प्रवेश तक की प्रक्रिया नहीं की।देखते देखते इन 12-13 सालों में भवन जीर्ण शीर्ण हो गया।खिड़की दरवाजे आदि गायब हो गये। लोगों का सुझाव था कि भवन को मरम्मत आदि करके पटवारी को शिफ्ट किया जाये। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।कई बार शिकायत करने पर प्रशासन ने अनसुना कर दिया।जबकि आजन्म से पटवारी गाँव में किराये के भवन पर रहकर कार्यालय चला रहा है।अब भवन पर जंगली जानवरों व भूत पिचाश का कब्जा है।

इसी प्रकार एक अन्य शिकायत संख्या 447452 दिनांक 25/09/2023 में दर्ज है।ये भवन भी 12-13 साल पहले बना था जो कि स्वास्थ्य विभाग के ए एन एम केंद्र के लिए आवंटित था।इसकी भी हालत जर्जर है,जैसा ऊपर वाले भवन की है।इसे भी मरम्मत आदि कर विभाग को शिफ्ट करने को कहा था।लेकिन मरम्मत के अभाव में जंगली जानवरों का कब्जा है।खिड़की दरवाजे आदि स्थानीय चोर उखाड ले गये हैं। जबकि वहां पर नियुक्त ए एन एम किराये के भवन से काम चला रही है।

शिकायतों का सिलसिला यहीं पर नहीं रुकता, एक अन्य शिकायत संख्या 448104 दिनांक 26/09/2023 में अंकित की है।इसमें कहा है कि ग द्वारी में स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाँव के पंचायत भवन पर 43 सालों से चल रहा है।इसके लिए भवन की सख्त जरूरत है।स्वास्थ्य बिना भवन के चलता है।तथा ग्राम पंचायत की मासिक बैठकें खुले आसमान या घरों के ऑगन में होती हैं। लेकिन इन तीनों शिकायतों का दो माह बीतने के बाद भी कोई समाधान व निराकरण नहीं हो पाया है,या कोई समाधान, जवाब, मौका मुआयना ,जांच आदि तक नहीं हुआ। जबकि चार पाँच साल से लगातार शिकायत करते आ रहे हैं।

अब ऐसे में आम जनता शिकायत करने जाये तो कहाँ जाये?ये समझ से परे है।

 

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