घने जंगलों के बीच बसा घंडियाल देवता का मंदिर बनेगा पर्यटन का नया केंद्र: डॉ. धन सिंह रावत

केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि घने बांज, बुरांस के जंगलों के बीच बसा घंडियाल देवता का मंदिर अब केवल आस्था का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि इसे पर्यटन के मानचित्र पर भी लाया जाएगा। उन्होंने भरसार से पांच किलोमीटर का पैदल ट्रैक कर मंदिर में पूजा-अर्चना की।

डॉ. रावत ने कहा कि बूढ़ा भरसार क्षेत्र में स्थित घंडियाल देवता का मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का अनूठा संगम है। यहां का शांत और सुरम्य वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते को सुव्यवस्थित किया जाय और आवश्यक सुविधाएं विकसित की जायेगी।

मंत्री ने कहा कि इस धार्मिक स्थल को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाना न केवल क्षेत्र की आर्थिकी को बल देगा, बल्कि लोकसंस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रदेश सरकार इस दिशा में जल्द ही ठोस योजना बनाएगी।

बूढ़ा भरसार में उपस्थित स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल अप्रैल माह में तीन पट्टियों बाली कंडारस्यूं, चोपड़ा कोट और ढ़ाईज्यूली के ग्रामीण यहां भंडारे का आयोजन करते हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक बन चुकी है।

इस मौके पर डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, नायब तहसीलदार उपेन्द्र राणा, खण्ड विकास अधिकारी पाबौ धूम सिंह, एसआई बीर सिंह पंवार सहित संपत सिंह रावत, नरेंद्र रावत, भाजपा मंडल अध्यक्ष विमल नेगी सहित अन्य अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद थे।

 

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