गरीब ब्राह्मणों पुजारियों को मिले आरक्षण        

गब्बर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। आज श्रीनगर बि.जे.इन होटल में विनाशकारी पर्यटन रोको विपरो की एक बैठक आयोजित हुई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में गरीब ब्राह्मण और मंदिर पुजारी समाज का जनसंख्या प्रतिशत कम है। उनका पूजा-पाठ कार्य जो उनके जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन है‌ वह बहुत न्यून हो गया है और लगभग समाप्ति के कगार है। मंदिरों में पूजा-अर्चना कार्य के लिए दीपक बाती भोग प्रसादादि अन्य सामग्रियों की व्यवस्थाओं के लिए भी आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई है। ऐसी स्थिति में पुजारियों और गरीब ब्राह्मण समाज को आर्थिक सुरक्षा दी जानी चाहिए। उनको कम जनसंख्या प्रतिशत देखते हुए आरक्षण भी दिया जाना चाहिए। उत्तराखंड की धार्मिकता और भारतीय समाज को एकता सूत्र में बांध कर रखने में संलग्न इस समाज को सबल बनाए रखने की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में गंभीरता से विचार करें। उक्त आशय का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर भारत के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई संगठनों को प्रेषित किया गया। दूसरे प्रस्ताव में,”विश्व-पर्यटन” में वैश्यावृत्ति नशाजुआ बाल यौन-शोषण स्मगलिंग,कसीनो,ड्रग्स के प्रचलन को बहुत ही गंभीर विषय बताया। पर्यटन में गरीब लोगों और गरीब देशों को अय्याशी का अड्डा बनाने की प्रवृत्ति को विश्वस्तरीय गंभीर सामाजिक समस्या के निदान हेतु विपरो के संस्थापक डॉ.शंकर काला द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ व विश्व पर्यटन संगठन को भेजें गये “गांधीयन-पर्यटन” के प्रस्ताव को शून्य काल के सिद्धांत के आधार पर विवेचना करने के बाद ही पर्यटन नीति लागू करने की याचना की गई। उत्तराखंड के गढ़वाल मण्डल केदार खण्ड क्षेत्र को धार्मिक संवेदनशील क्षेत्र घोषित करना न केवल सीमा रक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि जनसंख्या-अनुपात-बदलाव की अति गंभीर समस्या के निदान के लिए आवश्यक है। लागू किया जाए। अंत में “वैश्यावृत्ति” से अपने देश व राज्य की आय प्राप्त करने वाले समाजों को “लो ग्रेड सौसायटी “LGS, अर्थात “असभ्य और अविकसित” देश घोषित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की अपील की गई। उत्तराखंड के संत व तीर्थ समाज से निवेदन किया गया कि इन विषयों पर गंभीर विचार करें। इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या होगा कि जब देवप्रयाग कुंभ क्षेत्र में सम्मिलित हुआ तब वहां शराब की दुकान खुली गई। पूरे यात्रा मार्ग पर मंदिरा व्यवसाय बढ़ रहा है और संत समाज खामोश है। विश्व पर्यटन दिवस27सितंबर को विगत 40 वर्षों की तरह उदास दिन की तरह ही मनाया जायेगा।। बैठक की अध्यक्षता उमा घिल्डियाल ने कि और संचालन डॉ.शंकर काला ने किया। इस अवसर पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के और संचालन करने के लिए समिति का गठन किया गया जिसमें संरक्षक भगवती प्रसाद घिल्डियाल,केंद्रीय अध्यक्ष उमा घिल्डियाल,केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र गौड़,केंद्रीय महासचिव प्रभाकर बाबुलकर,सह सचिव उपासना भट्ट नामित किए गए जो आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे।

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