डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट एनआईसी कक्ष में निर्मित, निर्माणाधिन और प्रस्तावित अमृत सरोवरों और जल जीवन मिशन के कार्यों के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं को दिये।
उन्होंने निर्देश दिये कि विभिन्न स्थानों पर नये निर्मित किये जाने वाले जल निकायों व तालाबों का इस बात को लेकर पहले सर्वे करें कि किस स्थान पर और कितनी धारिता के जल निकाय निर्मित किये जाने चाहिए ताकि उसका आसपास की आबादी के लिए पेयजल, खेती सिंचाई या उसके नीचले इलाकों में हरियाली इत्यादि में वृद्वि की संभावना हो। उन्होंने कहा कि जो भी जल निकाय बनाये जाते हैं उसको बड़े लेवल का बनायें तथा उस जलनिकाय से वास्तव में संसाधनों के विकास में वृद्वि भी संभव होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने इस दौरान जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल निगम, जल संस्थान, स्वजल, वन विभाग और हंस फाउंडेशन को पंपिंग, ग्रेविटी और सोलर पंपिंग वाली स्कीमों के कार्यों की प्रगति तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिये। इन कार्यों की भौतिक प्रगति, स्त्र्रोत की जियो टैगिंग और गुणवत्तापूर्ण वाटर टेस्टिंग के कार्यों को भी तेजी से प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये।
बैठक में अधीक्षण अभियंता पेयजल मो. मिशम, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान पीके सैनी, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एसके राय, परियोजना प्रबंधक स्वजल दीपक रावत, एआर कॉपरेटिव पान सिंह राणा, एसडीओ वन विभाग लक्की शाह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।