उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल अधिकार एवं सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय जन जागरूकता एवं संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस दौरान कार्यशाला में पहुंचे नगर क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों को साइबर क्राइम, आरटीई समेत बाल सुरक्षा के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी उपलब्ध की गई।
मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि बच्चों को परीक्षाओं में 90 फीसदी की होड़ के बजाए भविष्य निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। कहा कि बच्चों को बेहतर इंसान बनाने में सबसे बड़ी भूमिका मां की होती है, साथ ही संस्कारों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। कहा कि हम हमेशा बच्चों को सफलता का पाठ पढ़ाते हैं व दूसरे से उसकी तुलना करते हैं। ऐसे में कई बार असफलता मिलने पर बच्चा अवसाद में चले जाता है।
डॉ. गीता ने कहा कि खेल व शारीरिक गतिविधि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, इसलिए बच्चों को खेल के मैदानों से दूर नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में अभिभावकों की विशेष रूप से मां की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए व्यस्ततम दिनचर्या होने के बाद भी बच्चों के लिए समय निकालना आवश्यक है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अकरम अली ने कहा कि बच्चों के साथ हुए अपराध या उनके द्वारा किए गए अपराध में पैरवी करने के लिए निशुल्क जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कार्य किया जाता है। साथ ही उन्होंने बच्चों के साथ हुए अपराध के लिए संचालित योजना की जानकारी भी साझा की। कहा कि योजना के तहत 20 हजार से दस लाख तक की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
खंड शिक्षा अधिकारी खिर्सू अश्वनी रावत ने आरटीई के संबंध में जानकारी साझा की। साथ ही बताया कि प्रत्येक स्कूलों में मन की बात शिकायत पेटी की योजना तैयार की जा रही है, जिससे कि छात्र जो शिकायत करने में डरते हैं उसे शिकायत पेटी के माध्यम से दर्ज करवा सकते हैं।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विनोद कर्पवाण ने कहा कि बच्चों को तनाव मुक्त रखना वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती है। इस दौरान महिला थाना इंचार्ज संध्या नेगी ने छात्रों को पोक्सो समेत साइबर अपराध के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई।
इस मौके पर बाल विकास अधिकारी देवेंद्र थपलियाल, क्षेत्रीय बाल विकास अधिकारी आशा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पुष्कर सिंह कण्डारी सहित अन्य अधिकारी व स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।