पौड़ी। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की पहल पर जिला पंचायत सभागार में सूचना का अधिकार : वर्तमान परिदृश्य विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। राज्य सूचना आयुक्त ने सभी विभागों को आरटीआई-2005 के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं को पूरी पारदर्शिता, बिना किसी दबाव व भय के अपीलार्थी को देने को कहा। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम की स्थापना व उद्देश्यों की विस्तार से जानकारियां दी। इस मौके पर आयुक्त ने लोक सूचना अधिकारियों व आम लोगों की आरटीआई से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का समाधान भी किया।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में उन्होंने आरटीआई एक्ट की स्थापना से लेकर उसके उद्देश्यों की विस्तार से जानकारियां दी। कहा कि जो सूचनाएं संसद व विधानसभा में उठाई जाती हैं। उन सूचनाओं को आम नागरिक महज 10 रूपए में अपने घर पर ही प्राप्त कर सकता है। कहा कि सिस्टम में आम नागरिकों की सहभागिता बढ़ाना ही आरटीआई का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने लोगों से आरटीआई की मूल भावनों को समझते हुए इसका उपयोग करने पर जोर दिया। संगोष्ठी में आयुक्त ने आरटीआई के विभिन्न धाराओं की तकनीकी जानकारियां दी। कहा कि कई बार की सूचनाएं नहीं मिलने पर सेक्शन- 18 के तहत सीधे आयोग में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
बताया कि आरटीआई के पूरे एक्ट में 30 धाराएं शामिल हैं। सूचना आयुक्त भट्ट ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश दफ्तरों में आरटीआई के मुख्य और अहम सेक्शन- 4 की जानकारी ही नहीं है। कहा कि सभी विभागों में सेक्शन-4 के तहत विभागीय ढांचे से लेकर, कर्मचारियों की संख्या, उनके वेतन, उनके भत्ते, विभागीय योजनाओं आदि की जानकारी चस्पा होनी अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि अफसर अपने दफ्तर की मुख्य 17 जानकारियों को बोर्ड के रूप में चस्पा कर सकते हैं। इससे आरटीआई मांगने वालों की आधी समस्या का वहीं पर निस्तारण हो सकेगा। संगोष्ठी में गबर सिंह नेगी, प्रशांत नेगी, विक्रम सिंह राणा, प्रदीप कुमार, सीवीओ डॉ. डीएस बिष्ट आदि ने आरटीआई के तहत विभिन्न समस्याएं रखी। इस मौके पर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र भट्ट, जिलाध्यक्ष जसपाल नेगी, रतनमणी भट्ट, पुष्पेंद्र राणा, गणेश नेगी, मुकेश सिंह, दीपक बड़थ्वाल, मनीष खुगशाल, करन नेगी आदि शामिल रहे।