जिला योजना में दिसम्बर माह के अन्त तक 60 प्रतिशत से अधिक प्रगति लाना सुनिश्चित करें अधिकारी – डीएम

जिला योजना में खराब वित्तीय प्रगति के चलते जिलाधिकारी ने आधा दर्जन अधिकारियों के वेतन आहरण पर लगायी रोक

बीस सूत्री कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार, पीडी व पीएमजीएसवाई के नोडल अधिकारी का वेतन रोका

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित सूचना विज्ञान केन्द्र में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की एक बैठक में जिला योजना/राज्य सेक्टर/केन्द्र पोषित व बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा की गयी। योजनाओं में खराब वित्तीय प्रगति के चलते जिलाधिकारी ने सात अधिकारियों के माह दिसम्बर के वेतन आहरण पर रोक लगायी। जबकि तीन अधीक्षण अभियंताओं को योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की मॉनिटरिंग में शिथिलता पर चेतावनी जारी की गयी।

सोमवार को आयोजित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिला योजना में न्यूनतम प्रगति के चलते जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी उरेडा, आहरण वितरण अधिकारी समाज कल्याण/डीपीआरओ, अधिशासी अभियन्ता लोनिवि लैंसडौन, बैजरों, प्रा.खं. पौड़ी, नि.खं. पौड़ी व पाबौ जबकि बीस सूत्री कार्यक्रम में खराब प्रगति के चलते परियोजना निदेशक डीआरडीए व पीएमजीएसवाई के नोडल अधिकारी के माह दिसम्बर के वेतन आहरण पर रोक लगायी गयी। योजनाओं की वित्तीय प्रगति की मॉनिटरिंग पर शिथिलता को लेकर जिलाधिकारी ने अधिक्षण अभियन्ता लोनिवि, लघु सिंचाई व पेयजल निगम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दिसम्बर माह के अंत तक जिला योजना में 60 प्रतिशत से अधिक प्रगति लाने पर ही वेतन आहरित किया जायेगा।

बीस सूत्री में टीकाकरण की खराब प्रगति पर सीएमओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की खराब स्थिति पर जिला प्रोबेशन अधिकारी को चेतावनी जारी की गयी। बीस सूत्री में स्वास्थ्य विभाग की 4 मदें सी कैटेगरी में जबकि 01 मद डी कैटेगरी में शामिल होने के चलते जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग सभी मदों को ए कैटेगरी में लाने के लिए समर्पित होकर कार्य करें। जबकि बी कैटेगरी में शामिल मदों के विभागीय अधिकारियों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सभी सम्बंधित अधिकारी अपने दायित्वों का मनोयोग से निर्वहन करते उसे ए कैटेगरी में लाना सुनिश्चित करें।

ग्राम्य विकास विभाग की वित्तीय प्रगति की धीमी गति पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिये। जबकि विधायक निधी की व्यय प्रगति पर जिला विकास अधिकारी को आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिये हैं। जिला योजना में अवमुक्त 1 अरब 19 करोड की धनराशि के सापेक्ष माह नवम्बर तक 58 करोड़ 19 लाख रु की धनराशी का व्यय किया गया जो कि अवमुक्त धनराशि का लगभग 49 प्रतिशत है। इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सेक्टर में 64 प्रतिशत जबकि केन्द्र पोषित योजना में लगभग 90 प्रतिशत प्रगति शामिल है।

बैठक में प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद, एसीएमओ डॉ. पारुल गोयल, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक रणजीत सिंह नेगी, ईई लोनिवि दिनेश बिजल्वांण, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, जिला प्रोबेशन अधिकारी देवेन्द्र थपलियाल, जिला क्रीडा अधिकारी संदीप डुकलान, ईओ नगर पालिका परिषद पौड़ी डीके जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

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