दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन गरीब परिवारों के लिए प्रमुख योजना है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें आजीविका का रास्ता दिखाया जा रहा है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजना है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिले में गरीब परिवारों को आजीविका की राह दिखा रहा है। यह योजना गरीब परिवारों के प्रमुख योजना है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को आजीविका का रास्ता दिखाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य यह है कि निर्धन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों जैसे सामुदायिक निर्धनता को दूर करना है। वहीं दूसरा लक्ष्य यह है कि बैंकों से आवश्यक ऋण तक उनकी पहुंच बनाकर उनकी आजीविका के आधार को मजबूत बनाया जा सके।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल के सभी 15 विकासखंड़ों में चरणबद्व तरीके से योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की महिलाओं को क्षमता एवं कौशल विकास कर उन्हें सतत् आजीविका संवर्द्धन के साथ उनकी आर्थिकी स्थिति में सुधार करना है। जिले में योजना का शुभारंभ होने से अबतक 7241 महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर 44905 ग्रामीण गरीब परिवारों को जोड़ा जा चुका है। अभी तक 6293 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड (चक्रीय निधि) 711.30 लाख रुपये प्रदान की जा चुकी है। इसी क्रम में आतिथि तक 5386 स्वयं सहायता समूहों को सी.आई.एफ. (कुल धनराशि 5386. 495 लाख) दिया जा चुका है। योजना शुरू होते ही अभी तक 9200 सीसीएल को बैंकों के माध्यम से (9200 लाख) सी.सी.एल. स्वीकृत किये जा चुके हैं।
ग्रामीण महिलाओं के संगठन निर्माण पर बल
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के आर्थिकी, सामाजिक एवं शैक्षिक उन्नयन हेतु महिला समूहों की संस्थाओं के निर्माण पर बल दिया गया है। जिसके अंतर्गत 6111 महिला समूहों को 1058 ग्राम संगठनों एवं 81 कलस्टर लेवल फेडरेशन से जोड़ा गया है, जोकि प्रदेश में सर्वाधिक संख्या है।
03 वर्षो में 12913 महिला समूह को बनाया गया लखपति दीदी
लखपति दीदी योजना के तहत जनपद में विगत 03 वर्षों में कुल 12912 महिला समूह सदस्यों को विभिन्न गतिविधियों एवं योजनाओं से जोड़कर लखपति दीदी बनाया गया है। वर्ष 2022-23 में 5551, 2023-24 में 3167 व वर्ष 2024-25 में 4195 को लखपति दीदी बनाया गया है।
सामुदायिक कैडर का निर्माण
एन.आर.एल.एम. के अन्तर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल में 605 ग्रामीण स्वयं सहायता समूह सदस्यों का क्षमता विकास करने उन्हें कम्यूनिटी कैडर के रूप में तैयार किया गया है। जिसमें 36 आई.पी.आर.पी., 185 सी.आर.पी., 97 सीनियर सी.आर.पी., 378 सक्रिय महिला, 95 बैंक सखी, पशु सखी, मास्टर बुक कीपर आदि को इस योजना से रोजगार प्रदान किया किया जा रहा है।
आजीविका परक गतिविधियां एवं आर्थिक उत्थान
जनपद के 1512 समूहों की 6757 महिलाएं कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों जैसे दुग्ध उत्पादन, सब्जी, शहद, मशरूम, मुर्गी पालन, बागवानी, पारम्परिक कृषि से जुड़कर अपनी आजीविका संर्वद्धन का कार्य कर रहे हैं। नॉन फार्म गतिविधियों में 631 समूहों की 1811 महिलाओं द्वारा बेकरी, एल.ई.डी. बल्ब, दोना-पत्तल, बैग बनाना, टोकरी निर्माण, भीमल रेशे से बने उत्पाद, अरसा, धूपबत्ती, गोबर के दीये, लोहे की कड़ाही एवं विभिन्न प्रकार की एरोमैटिक औषधीय चाय व अन्य का उत्पादन किया जा रहा है।
पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय ने बताया कि विकासखंड पौड़ी में उमंग सीएलएम द्वारा बेकरी यूनिट में मंडुवा बिस्किट, आटा बिस्किट, झंगोरा बिस्किट, कोकोनट बिस्किट, झंगोरा लड्डू आदि में 06 समूह की 48 सदस्य जुड़ी हैं। वर्ष 2023-24 का कुल टर्नओवर 7 लाख 21 हजार 379 रूपये है, जिसमें उसी वर्ष समूह की सभी सदस्यों को 01 लाख 58 हजार 645 रूपये का शुद्व लाभ हुआ है। इसके अलावा हैचरी यूनिट में मिलन ग्राम संगठन विकासखंड पौड़ी के 05 समूह जुड़े है, जिसमें 30 सदस्य शामिल हैं। इनका प्रतिवर्ष अनुमानित टर्नओवर 14 लाख का है और लाभ 04 लाख है। वहीं भीमल शैंपू यूनिट में आत्मनिर्भर समूह विकासखंड एकेश्वर में 05 समूह की सदस्य जुड़ी हैं, इनका प्रतिवर्ष टर्नओवर 01 लाख 50 हजार है जबकि अनुमानित लाभ 45 हजार प्रतिवर्ष है। ऐसे ही अन्य समूह की महिलाएं भी अलग-अलग क्षेत्र में स्वरोजगार कर रहे हैं और उससे अच्छा आमदनी कर रहें। पीडी डीआरडीए ने कहा कि अन्य क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जाएगा और उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जाएगा। जससे वह अपने ही घर में रहकर अपनी आर्थिकी मजबूत बना सकेंगे।