गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड में श्रीनगर को जिला बनाने की मांग फिर जोर पकड़ने लगा है,सरकार को भौगोलिक दृष्टि से राज्य के सबसे बड़े पौड़ी जिले को दो भागों में विभक्त कर श्रीनगर को पृथक जिला बनाने की घोषणा करनी चाहिए। उत्तराखंड राज्य में साथ नए जिले बनाए जा हैं,जिसमें श्रीनगर को नया जिला बनाने को लेकर एक प्रेस वार्ता रखी गई। श्रीनगर नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष मोहन लाल जैन ने गुरुवार को होटल बी.जे.इन श्रीनगर में आयोजित पत्रकार वार्ता आयोजित कर कही है। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की कई समस्याओं को उजागर कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से श्रीनगर को पृथक जिला बनाने सहित कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे श्रीनगर की समस्याओं को हल करने का आग्रह सरकार से किया है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री से मांग की है। मोहन लाल जैन ने कहा कि सरकार को भौगोलिक दृष्टि से राज्य के सबसे बड़े जिले पौड़ी को जनहित में दो भागों में विभक्त कर श्रीनगर को पृथक जनपद बनाना चाहिए। इस संबंध में सरकार से मांग करते हुए श्रीनगर को जिला बनाए जाने के कई फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि पूर्व में अंग्रेजों के समय श्रीनगर गढ़वाल जिला रह चुका है। उन्होंने सरकार के समक्ष सुझाव रखा है कि तहसील श्रीनगर,कीर्तिनगर और देवप्रयाग को मिलाकर श्रीनगर के नाम से नया जिला बनाने के लिए शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। वर्तमान में देवप्रयाग और कीर्तिनगर क्षेत्र के लोगों को किसी भी प्रशासनिक कार्य के लिए टिहरी जाना पड़ता है,जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है टिहरी की दूरी अधिक होने के कारण आम नागरिकों को सरकारी विभागों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर के आसपास चौरास,कीर्तिनगर,खिर्सू विकास खण्डों व देवप्रयाग आदि क्षेत्रों को शामिल कर श्रीनगर गढ़वाल जिला अस्तित्व में आ सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में इतिहास के पन्नों में श्रीनगर था जिला मुख्यालय,ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो श्रीनगर वर्ष 1839 से 1840 के मध्य श्रीनगर जिला मुख्यालय रह चुका है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मोहन लाल जैन ने कहा है कि श्रीनगर के जनपद बनने से तीन तहसीलों,चार ब्लाकों का और साथ ही एक नगर निगम का सर्वांगीण विकास होगा और रोजगार के साधन भी उपलब्ध होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की काफी आबादी शहरी क्षेत्र में आएगी ओर पहाड़ों का पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि तहसील एवं जिले के कार्यों के लिए आम नागरिकों को सुगम एवं सुलभ रूप से आवागमन की सुविधा के साथ ही सस्ता न्याय सुलभ होगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर जिला बनने से जिला न्यायालय स्थापित होने से उच्च न्यायालय की बैंच भी श्रीनगर में स्थापित होने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा,जिससे स्थानीय लोगों को न्यायिक मामलों में बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि विकास खण्ड खिर्सू को सब तहसील का दर्जा दिया जा सकता है और कीर्तिनगर चौरास को मिलाकर नगर पालिका बनाई जा सकती है। जनहित में मांग को उचित ठहराते हुए मोहन लाल जैन ने सरकार से अपील की है की क्षेत्र के विकास और जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए श्रीनगर को जल्द से जल्द जिला घोषित किया जाए उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल स्थानीय प्रशासनिक कार्य सुगम होंगे बल्कि न्याय व्यवस्था भी पहले से अधिक मजबूत होगी। इस दौरान पत्रकार वार्ता में श्रीनगर के सामाजिक, राजनैतिक एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग सम्मिलित हुए श्रीनगर व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल,रोटरी क्लब के अध्यक्ष दिनेश जोशी,गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार लक्की सिंह,श्रीकोट व्यापार सभा के अध्यक्ष नरेश नौटियाल,वरिष्ठ समाजसेवी बी.पी.डोभाल,राजीव बिश्नोई,मो.आरिफ आदि मौजूद थे।