कोटद्वार नगर निगम विकास संघर्ष समिति द्वारा तहसील में पहुंचकर कोटद्वार आगमन पर समिति को वार्ता हेतु समय प्रदान किये जाने विषय को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि कृपया सादर अवगत कराना है कि इस समिति में वर्ष 2018 में कोटद्वार में नगरनिगम थोपे जाने एवं नगरनिगम बनने से ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो जाने, उनके अधिकार व सुविधाओं के समाप्त हो जाने, आम जनता पर बेहिसाद टेक्स बढ़ने और अन्य असुविधाओं के विरूध जो कि अब सामने आ रही है के विरोध में धरना, प्रदर्शन व भूखहड़ताल करने के साथ-साथ माननीय उच्चन्यालय में लडाई लड़ी और सिंगल बैंच में जीत भी हासिल की, परन्तु सरकार डबल बैंच में चली गई और समिति धन के अभाव व समुचित पैरवी न होने के कारण हार गई। तब से लेकर अब तक यह समिति नगरनिगम की कमियों को उजागर करती रही है और समाधान के लिए निरन्तर संघर्ष करती रही है। अब वर्तमान में जब नगरनिगम का कार्यकाल समाप्त हो गया है और सरकार की ओर से प्रशासक नियुक्त किये जा चुके है तब हमारे संघर्ष के अधिकांश बिन्दुओं का समाधान आपके स्तर पर ही होना सम्भव है।अतः आपसे निवेदन है कि जब आपका कोटद्वार आने का कार्यक्रम हो तो श्रीमान उपजिला धिकारी कोटद्वार के माध्यम से या अन्य माध्यम से इस समिति को अवगत कराने का कष्ट करें और अपने बहुमूल्य समय में से समिति को वार्तालाप हेतु समय देने की कृपा करें। समिति को आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा हमें समय प्रदान किया जायेगा और समस्याओं को उचित समाधान भी किया जायेगाँ।इस मौके पर डॉ शक्तिशैल कपरवाण, प्रवेंद्र सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह नेगी, गोविन्द डंडरियाल, चन्द्र प्रकाश नैथानी,अनुसूया प्रसाद सेमवाल, राजेन्द्र प्रसाद पंत, महेन्द्र पाल सिंह रावत, प्रदीप कुमार बलूनी, सत्य प्रकाश भारद्वाज,जगदीपक सिंह रावत, विकास कुमार आर्य, राजेन्द्र डिमरी, प्रेम सिंह रावत,हुकुम सिंह,जगदीश सिंह, कमलेश्वरी आदि मौजूद रहे।