उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण, बचाव और नियंत्रण के बारे में दी जानकारी

स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर अपने रक्तचाप को नापे नियंत्रित करें तथा दीर्घायु बनें थीम को लेकर बाल विकास परियोजना कार्यालय पौड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों हेतु जनजागरुकता गोष्ठी व स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण व उससे बचाव व नियंत्रण के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में डा. शशांक उनियाल ने बताया कि जब रक्त धमनियों में सामान्य से अधिक दबाब से प्रवाहित होता है तो ऐसी स्थिति में उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा होती है जो कि हार्टअटैक, ब्रेन स्ट्रोक, डिप्रेशन, एंग्जाइटी व हड्डियां कमजोर होना जैसी अन्य गंभीर बिमारियों का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि बदलती जीवन शैली जैसे तला भुना, फास्ट फूड का ज्यादा प्रचलन व शारीरिक गतिविधियों में कमी शराब, तम्बाकू व नशीले पदार्थों का उपयोग उच्च रक्तचाप का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को उच्च रक्तचाप पर ध्यान देना चाहिए।
गोष्ठी में जिला सलाहकार एनसीडी श्वेता गुंसाई ने जानकारी देते हुए कहा कि जनपद में सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सीएचओ द्वारा 30 से अधिक उम्र के लोगों की बीपी, शुगर आदि की नियमित जांच के साथ ही स्वास्थ्य परामर्श भी दिया जाता है। इसलिए सभी लोगों को अपनी नियमित जांच कराते रहना चाहिए। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। विश्व रक्तचाप दिवस पर जनपद के समस्त आयुष्मान आरोग्य में जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी पौड़ी आशा, काउंसलर दुर्गा नेगी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री अर्चना रमोला, मीनाक्षी जोशी, शोभा रावत, संगीता, अर्पणा राणा सहित अन्य उपस्थित थे।

 

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