बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने बाल अधिकारों की सुरक्षा, पुनर्वास एवं सर्वांगीण विकास को लेकर गंभीरता दिखाई और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने कहा कि बालश्रम में लिप्त बच्चों के मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जाय। उन्होंने बच्चों के रचनात्मक विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। उन्होंने जिला परिवीक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि संवेदनशील बच्चों के चिन्हीकरण का कार्य सहानुभूति से किया जाय और चिन्हित बच्चों को स्पॉन्सर स्कीम से भी जोड़ा जाय। साथ ही उन्होंने बचाव तथा पुनर्वास की प्रक्रिया को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को जनता के बीच जाकर समन्वय के साथ जागरुकता शिविर एवं आउटरीच सेशन आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही बाल श्रम पर नियमित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को वन स्टॉप सेंटर से समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा। उन्होंने बाल कल्याण समिति की पिछली कार्यकारिणी के लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के भी निर्देश दिए। उन्होंने नशामुक्ति अभियान के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर दुकानों में नशीले पदार्थों के संबंध में सघन चेकिंग अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि ड्रॉपआउट बच्चों की काउंसलिंग, अनाथ और एकल माता-पिता वाले बच्चों की सूची तैयार की जाए, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके। इसके लिए उन्होंने ग्राम प्रहरी, पटवारी और स्थानीय प्रतिनिधियों का सहयोग लेने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में कोई भी बच्चा शैक्षणिक, सामाजिक या मानसिक रूप से उपेक्षित न रहे। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में फँसे बच्चों के पुनर्वास हेतु एक विशेष कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिये।

बैठक में अवगत कराया गया कि कोटद्वार में राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में बालिकाओं को विद्यालय जाने, चिकित्सा तथा अन्य आपातकालीन सुविधाओं के लिए वाहन की आवश्यकता है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान लेकर वाहन व्यवस्था हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

बैठक में जिला परिवीक्षा अधिकारी ने समिति के कार्यों, उद्देश्यों और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों को शिक्षा, खेल, चित्रकला और अन्य रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है तथा एक्सपोजर विजिट के माध्यम से उनका सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शिव मोहन शुक्ला, अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल, सहायक बाल विकास अधिकारी आशा रावत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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