मनोज नौडियाल
कोटद्वार।उत्तराखंड में मेले पहाड़ की संस्कृति का अभिन्न अंग है। पहाड़ों में होने वाले मेले मात्र मंनोरंजन का साधन ही नहीं वरन् पहाड़ के विषम परिस्थितियों में जीने के तरीके के बीच मां-बेटियों, भाई बहनों और दूर दराज रहने वाले पारिवारिक मित्रों रिश्तेदारों का मिलने का संगम भी हुवा करता है।
वर्तमान में मेलों का स्वरूप भले ही बदल गया हो लेकिन पहाड़ी समाज द्वारा अपनी संस्कृति और परम्पराओं को जीवित किया हुआ है।
मकर संक्रांति पर्व पर सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करने पर पहाड़ों में कृषि कार्य में शिथिलता आ जाती है व पहाड़ी समाज के किसान, बहु-बेटियों को कार्यो से कुछ समय का अवकाश मिल जाता है है ऐसे में पहाड़ की महिलाएं अपने माता-पिता भाई-बहन व नाते रिश्तेदारों से मिलने मेलों में प्रतिभाग कर अपने दुख सुख बांटने का काम भी कर लेते हैं। उत्कतरायण में सूर्य के प्रवेश होते ही पहाड़ों में मेलों की भी शुरुआत हो जाती है।मेलों की इस परम्परा में गढ़वाल मंडल में उत्रायणी/मकर संक्रांति के पर्व पर पवित्र गेंद मेले की शुरुआत होती है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक दृष्टि से गेंद मेला महत्वपूर्ण है गढ़वाल मंडल में इस परंपरा को भव्य ढंग से आयोजित किया जाता रहा है।
उत्तराखंड के कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मवाकोट में शताब्दियों से इस परम्परा का निर्वाह स्थानीय लोगों द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है। इस बार मेले के 117वां आयोजन है जिसे मेला समिति द्वारा भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। मेले का शुभारंभ कोटद्वार के उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी द्वारा किया गया। मेले के शुभारंभ पर विभिन्न महिला मंगल दलों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में गेंद को गाजे बाजे लोकनृत्य के साथ नवयुग सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल के स्कूली बैंड की लय पर मंच पर लाया। उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक मवाकोट मेले की परंपरा रही है कि गेंद मेला में गेंद को सार्वजनिक किया जाता है.उत्तरायण के दिन विभिन्न ग्रामों की क्षेत्रीय स्तर पर गठित टीम द्वारा गेंद खेली जाती है। कार्यक्रम में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जिनमें से एक खेल वॉलीबॉल प्रतियोगिता का उपजिलाधिकारी द्वारा उद्घाटन भी किया गया।कार्यक्रम में नवीन केष्टवाल,शशिबाला केष्टवाल, हर्षवर्धन बिंजोला,विवेक भारती, महेंद्र सिंह बिष्ट, मनोज सिंह, भवानी दत्त जोशी, राजेश नेगी, अनूप सिंह नेगी, प्रमोद, शशिकांत, मोहनदेव,संतोष, हरेंद्र,विजय नैथानी, मुजीब नैथानी,प्रदीप आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलदीप रावत अध्यक्ष मेला समिति तथा संचालन सुरजीत गुसाई ने किया.