गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक हास्य कलाकार संस्कृति विभाग के पूर्व राज्य मंत्री घनानंद (घन्ना भाई) का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। जो की बीते कहीं दिनों से तबीयत बिगड़ी हुई थी और चार-पांच दिनों से वेंटीलेटर पर थे। महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती घनानंद के निधन पर विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठनों ने जगाया दुख। घनानंद उत्तराखंड रंगमंच के मजे हुए कलाकार का जन्म 4 अगस्त 1953 में पौड़ी के गगवाड़ा गांव में हुआ उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जनपद पौड़ी गढ़वाल से हुई। घन्ना भाई ने हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की बहुत चलते-चलते ही लोगों को हंसा देते थे। आपको बता दें कि घन्ना भाई ने रंगमंच की शुरुआत 1970 में रामलीलाओं में नाटकों से किया और सन 1974 में घनानंद ने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर कहीं कार्यक्रम भी दिए। उन्होंने कई फिल्मों में घरजवें,चक्रचाल,बेटी-ब्वारी,जीतू बगड़वाल आदि कहीं फिल्मों में काम किया। उन्होंने हास्य नाटकों में काफी लोकप्रियता हासिल की थी जिसमें घन्ना भाई एमबीबीएस,घन्ना गिरगिट,यमराज और पोल्या बणी बोल्या प्रमुख हैं। आपको बता दें कि लंबी बीमारी के बाद देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। घन्ना भाई ने राजनीति क्षेत्र में भी हाथ आजमाया था भाजपा के टिकट पर 2012 में उन्होंने पौड़ी से विधानसभा चुनाव भी लड़ा हालांकि वह चुनाव हार गए थे। भागीरथी कला संगम के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद बड़थ्वाल ने कहा कि उन्होंने गढ़वाली फिल्म के निर्देशक मदन गडोई के द्वारा बनाई गई गढ़वाली फिल्म अति हवेगी और अन्य कई फिल्मों में काम किया। घन्ना भाई की कमी हमेशा उत्तराखंड के समस्त फिल्म जगत को भारी क्षति पहुंची है उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। उन्हें भागीरथी कला संगम की समस्त टीम ने दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सांस्कृतिक रंग कर्मियों ने शोक संवेदना व्यक्ति की जिसमें सुभाष पांडे,मुकेश नौटियाल,राजेन्द्र प्रसाद बड़थ्वाल,मदन गडोई,प्रमोद कुमार,भगत सिंह बिष्ट,रमेश चंद्र थपलियाल,भगवती प्रसाद पुरी,के.एल.नौटियाल,दीनबंधु चौहान,हरेंद्र तोमर,दिनेश लिंगवाल,संजय कोठारी,पदवेंद्रर रावत,दिनेश उनियाल,अजय तोमर आदि प्रशंसकों और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।