गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। मंडलीय नशा उन्मूलन के नोडल अधिकारी गढ़वाल शिक्षा विभाग से अखिलेश चंद्र चमोला ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग के निदेशक प्रोफेसर पीबीबी.सुब्रमण्यम के साथ नशा उन्मूलन के संदर्भ में एक बैठक आहूत की। जिसमें चमोला ने शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की मुहिम नशा मुक्त शहर,नशा मुक्त गांव,नशा मुक्त आसपास का वातावरण के सम सामयिक पहलू पर विशद रूप से चर्चा परिचर्चा की। नोडल अधिकारी चमोला ने कहा कि रोकनी होगी नशे की आदत सबको आगे है आना नशा है एक बहुत बुरी लत हमें नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड बनाना है। आज युवा अपनी मूलभूत शक्ति को न पहचान कर नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित होकर विदेशी संस्कृति की ओर अग्रसर हो रहा है,यह चिन्तन का विषय है। इस पहलू को ले करके हमें समय-समय पर हमें जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने बहुत ही जरूरी हैं। देहरादून में जो युवा नशे के कारण काल कवलित हुए। वह कहीं न कहीं आस-पास के वातावरण और उनके परिवार के संस्कारों को भी उजागर करता है। युवाओं के मार्गदर्शन में माता पिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें हर सम्भव अपने पाल्यों के सम्मुख आदर्शता का भाव रखना चाहिए। नशा उन्मूलन के पहलू में हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है,हम इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर आगे आकर अपनी मूलभूत संस्कृति का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर पीवीवी ने नोडल अधिकारी अखिलेश चंद्र चमोला के कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ साथ आम जनमानस को नशे से दूर करने के लिए निरन्तर महत्वपूर्ण ऊर्जा के साथ जो प्रयास रत है,वह अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को दर्शाता है। हमें पूरा विश्वास है कि इस तरह के जन जागरूकता अभियान से आम जनमानस लाभान्वित होंगे। नोडल अधिकारी चमोला ने इस अवसर पर भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम नामक अपनी लिखी पुस्तक भी निदेशक को भेंट की।