मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर कार्य करें चिकित्सक: डीएम

जिलाधिकारी ने ली मातृ शिशु जन्म मृत्यु दर की समीक्षा एवं एनीमिया मुक्त भारत की समीक्षा बैठक

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने मातृ शिशु जन्म मृत्यु दर की समीक्षा एवं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर कार्य करने को कहा।

शुक्रवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली गर्भवती महिलाओं का काव्य एप में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा सके। उन्होंने कहा कि 2024-25 में जो 19 शिशुओं और 02 मातृ की मृत्यु हुई है उनकी मृत्यु की जानकारी जुटाकर अन्य गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को सावधानी बरतने के लिए जागरूक करें। जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए उन्होंने चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जहां मातृ व शिशु की मृत्यु हुई है उन कारणों को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं। इसके अलावा जिलाधिकारी ने एनीमिया मुक्त भारत की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विकासखंड़ों में सबसे ज्यादा महिलाओं में एनीमिया पाया गया है उनकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने को कहा। उन्होंने चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधिकारी को भी एनीमिया की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में बताया गया कि 1877 गर्भवती महिलाओं की में से 1797 महिलाओं की एनीमिया की जांच हो चुकी है। जिसमें 1371 महिलाएं स्वस्थ पाई गई हैं, जबकि 426 गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की शिकायत पाई गई।

बैठक में एसीएमओ डॉ. रमेश कुंवर, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. एन बोरा, डॉ. राजीव सहित अन्य चिकित्साधिकारी उपस्थित थे।

 

 

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