जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में डेंगू की रोकथाम से संबंधित बैठक ली। उन्होंने समस्त नगर निकाय व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिये।
मंगलवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने नगर निगम कोटद्वार, श्रीनगर, नगर पालिका जोंक तथा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रों में डेंगू-मलेरिया की अधिक संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले अधिक आए हैं उन क्षेत्रों में ध्यान देते हुए रोकथाम की कार्यवाही करें। जिलाधिकारी ने समस्त निकाय (नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत) तथा स्वास्थ्य विभाग को अपने-अपने क्षेत्र में सभी घरों और अन्य सरकारी व गैर सरकारी भवनों का मौके पर जाकर निरीक्षण करते हुए वहां गंदगी व जलभराव की स्थिति बनी रहती है तो उसे तत्काल ठीक करें। उन्होंने कहा कि आमजनमानस को जागरूक करते हुए अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कहा कि लोगों के घरों में लगे गमलों, प्लास्टिक व रबड़ के टायर-डिब्बों सहित अन्य में जमा पानी को खाली करायें। कहा कि बताये जाने के बावजूद भी बार-बार लापरवाही करता है तो उसका अधिनियम के अन्तर्गत चालान करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने सभी नगर निकाय को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से साफ-सफाई, कूड़े का जल्दी निस्तारण और पानी की निकासी दुरस्त करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि सभी जगह डेंगू-मलेरिया के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था करें और यदि कोई गंभीर मामला आता है तो उसका समुचित इलाज करें। इसके साथ ही विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में भी डेंगू-मलेरिया से बचाव के प्रति पोस्टर व विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूक करें।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी व समस्त उपजिलाधिकारी व नगर निकाय के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।