मनोज नौडियाल
निरंकारी सद्गुरु माता सुदिक्षा जी महाराज के पावन आशीर्वाद से देहरादून मे ज़ोन स्तरीय बाल संत समागम मे गुड़गांव से पधारे श्री संदीप गुलाटी जी की अध्यक्षता में निरंकारी सत्संग भवन के तत्वाधान हरिद्वार रोड बाईपास पर बाल संत समागम में बच्चों द्वारा आकर्षक भक्तिमय प्रस्तुतियां दी गई । इस दौरान बड़ी संख्या में निरंकारी बाल संतों द्वारा नृत्य, नाटक और विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन कर अपनी वेश भूषा भाषा के माध्यम से गढ़वाली नेपाली पंजाबी कुमाऊनी हिंदी और अंग्रेजी भाषा का सहारा लेकर भक्तिमय वातावरण निर्मित किया गया । इस बाल समागम में मसूरी ज़ोन के 5 जिलों की ब्रांचों से बाल संतो ने शिरकत दी।
भक्ति के मर्म पर प्रकाश डालते हैं संदीप गुलाटी जी ने आगे कहा कि भक्ति किसी भी उम्र की मोहताज नही होती, भक्ति की शुरुआत ब्रह्मज्ञान प्राप्त होने के उपरांत ही शुरू होती है, उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन में आध्यात्मिक चेतना का महत्वपूर्ण स्थान है, जिस प्रकार से एक नन्हे से पौधे के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाकर उसे सुरक्षित रखा जाता है, जिससे उस पौधे को कोई नुकसान न पहुंचा सके, समय बीतने के साथ वह पौधा जब पेड़ का रूप धारण कर लेता है तो उसी पेड़ से मीठे मीठे फलों के साथ ठंडी छांव भी ली जा सकती है । ठीक उसी प्रकार अगर बच्चों को बचपन से ही आध्यात्मिक चेतना की देख-रेख में रखा जाये तो वही बच्चा आगे चलकर एक गुरसिख के रूप में निखरकर सामने आता है और उसके जीवन पर दुनिया में व्याप्त माया, मानसिक कुरीतियों, बुराइयों का कोई असर नहीं पड़ता है।बाल संतो ने समागम के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को आज में सुकून – कल में सुकून, सतगुरु के ज्ञान से – हर पल में सुकून का संदेश देते हुए नृत्य, नाटक का भी अभिनय कर निरंकारी मिशन की गतिविधियों से अवगत कराया ।
इस समागम को सफल बनाने मे सेवादल के भाई बहनो ने अपना बहूत ही सुंदर योगदान दिया । ज़ोनल इंचार्ज श्री हरभजन सिंह जी ने सभी का धन्यवाद किया ।