BJP का मास्टर स्ट्रोक है करौली हिंसा पर संग्राम, BJP को आस सत्ता में आने की राह खुलेगी, जानिए क्यों खास है जिला करौली

राजस्थान के करौली जिले में हुई हिंसा पर कांग्रेस-भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। करौली हिंसा ने जिस तरह राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी है, उसे भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। भाजपा नेताओं को आस है कि करौली हिंसा से सत्ता में आने की राह खुलेगी। करौली पूर्वी राजस्थान की सियासत का प्रमुख केंद्र माना जाता है। विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान से भाजपा को 39 में से सिर्फ 4 सीट मिलीं थी। भाजपा ने कांग्रेस की रणनीति की काट के लिए करौली हिंसा को राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्वी राजस्थान के सियासत के केंद्र करौली के माध्यम से भाजपा पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों में अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करना चाहती है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने करौली हिंसा को गहलोत सरकार की विफलता बताया है।

करौली चंबल बैल्ट से सटा हुआ जिला है। चंबल बैल्ट को खुश करने के लिए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सवाई माधोपुर में सम्मेलन किया। विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लग सकती है। खुद सीएम गहलोत ने आरोप लगाया है कि आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठन परदे के पीछे से भाजपा की मदद कर रहे हैं। भाजपा आग लगाकर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है।

सीएम गहलोत ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राजस्थान में आग लगाना चाहती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान में आग लगाने के लिए आए। भाजपा नेता आग लगाकर चले जाते हैं। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी ने पूर्वी राजस्थान की जीवनदायनी ईस्टर्न कैनाल परियोजना पर कोई काम शुरू करने का वादा किया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज तक यह वादा पूरा नहीं किया। इसलिए ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा करौली हिंसा को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का पैंतरा अपना रही है। सीएम अशोक गहलोत के ईस्टर्न कैनाल का तोड़ निकालने के लिए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का सवाई माधोपुर जिले में सम्मेलन करावाया गया। सीएम गहलोत  ईस्टर्न कैनाल के मुद्दे पर सड़क से लेकर विधानसभा तक भाजपा को घेरते रहे हैं।  सीएम गहलोत ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में 23 फरवरी को भाजपा ईस्टर्न कैनाल का वादा याद दिलाया। सीएम ने कहा कि अजमेर की जनसभा में पीएम मोदी ने वादा किया था।

पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों करौली, सवाई माधौपुर, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक और दौसा कांग्रेस का गढ़  माना जाता है। 2013 में भाजपा ने यहां से सबसे ज्यादा 28 सीटें जीतीं थीं। कांग्रेस को 7, किरोड़ी लाल मीणा की एनपीपी को 3 और एक सीट बहुजन समाज पार्टी को मिली थी, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2018 में भाजपा 4 सीटों पर ही सिमटकर रह गई थी। कांग्रेस को 25, बहुजन समाज पार्टी को 5, निर्दलयों को 4 और एक सीट पर आरएलडी के सुभाष गर्ग ने जीत हासिल की थी। सीएम गहलोत ने बसपा का विलय कांग्रेस में करा दिया। जबकि निर्दलीयों और आरएलडी का समर्थन भी कांग्रेस को मिला हुआ है। गहलोत की रणनीति से पूर्वी राजस्थान में भाजपा पिछड़ी हुई है। सवाईमाधोपुर जिला भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 4 सीटें जीतीं थीं।इसलिए भाजपा ने 3 महीने पहले भरतपुर में और फिर 2 अप्रैल को सवाईमाधोपुर में सम्मेलन कराकर अपने इरादे साफ कर दिए है।

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