दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेलों पर आधारित झांकी ने सभी का मन मोह लिया। इस दौरान झांकी के साथ कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं, जो राज्य की समृद्ध संस्कृति और साहसिक पर्यटन की झलक प्रदान करती दिखाई दी ।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर हुई परेड मैं उत्तराखण्ड की झांकी ने सबका मन मोह लिया. इस झांकी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया. साथ ही कर्तव्य पथ पर मौजूद लोगों की खूब तालियां बटोरी. “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” पर आधारित इस झांकी की जमकर तारीफ हुई।
झांकी के एक हिस्से में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया, जिसमें एक महिला पारंपरिक वेशभूषा में ऐपण बनाती हुई दिखाई गई। ऐपण कला उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाती है, जिसे स्थानीय महिलाएं पूजा कक्षों, घरों के प्रवेशद्वारों, दीवारों और फर्श पर चावल के आटे और गेरू से बनाती हैं। इस कला का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व बढ़ रहा है।
झांकी के अगले हिस्से में उत्तराखंड के साहसिक खेलों और पर्यटन का चित्रण किया गया। इसमें उत्तराखंड के प्रमुख साहसिक गतिविधियाँ जैसे नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योगा, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग और रॉक क्लाइंबिंग को रोमांचक तरीके से दिखाया गया। इस दृश्य ने राज्य के साहसिक पर्यटन को दर्शाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह साबित किया कि उत्तराखंड न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि साहसिक खेलों और साहसिक पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
उत्तराखंड की यह झांकी न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक थी, बल्कि यह प्रदेश के विकास, पर्यटन और साहसिक खेलों के प्रति बढ़ते आकर्षण को भी दर्शाती है।