कोटद्वार भारतीय दलित साहित्य अकादमी जनपद कोटद्वार के तत्वावधान में खूनीबड में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें विश्वरत्न संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी की जिला संरक्षक पूर्व प्रधान श्रीमती सुनीता देवी ने व संचालन कु. आरती ने किया ।
इस अवसर पर डॉ. अम्बेडकर नेशनल अवार्ड से सम्मानित मुख्य अतिथि सुरेन्द्र लाल आर्य ‘सर्वोदयी पुरूष’ मण्डलीय अध्यक्ष (गढ़वाल) भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर जैसे महापुरुष विश्व मे बिरले ही जन्म लेते हैं,जिन्होने भारत का संविधान बनाया व विश्व को एक दिशा दी, जिसका परिणाम है कि उन्हें भारतरत्न, विश्वरत्न व ज्ञान के प्रतीक के रूप में मान्यता मिली, शिक्षा ही वह हथियार है जिससे सारे बन्धन कटते हैं, डॉ. अम्बेडकर नायकपूजा के खिलाफ थे उनका मानना था कि नायक पूजा से शासन निरंकुश हो जाता है व विकास प्रभावित हो जाता है ।
सभा की अध्यक्षता करते हुए भारतीय दलित साहित्य अकादमी जिला संरक्षक श्रीमती सुनीता देवी ने कहा कि डॉ.आंबेडकर को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम उनके बताए मार्ग पर चलें , अंधविश्वास व पाखंड विकास में सर्वाधिक बाधक है उन्होंने कहा कि जो चीजे तर्क व विवेक की कसौटी पर खरी उतरती हों इन्हें ही मानना चाहिए, शिक्षा का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा ही शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाडेगा ।
सभा को शशिकांत, बबिता देवी,अमन घांघट, आशीष कुमार, सावित्री देवी, प्रमोद कुमार आदि ने संबोधित किया । इस अवसर पर गुड्डी देवी,कोमल,लेख राज, सुषमा देवी,ऋषिपाल सुशील आदि मौजूद थे ।