रविवार उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने उम्मेद सिंह रावत के नेतृत्व में मूल निवास 1950 और भूमि सुधार कानून की मांग को लेकर तहसील कोटद्वार में धरना दिया।
धरना में पार्षद व आंदोलनकारी परमेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस राज्य निर्माण का सपना लेकर हमने राज्य आंदोलन की लड़ाई लड़ी थी उस राज्य की प्राप्ति अभी तक नहीं हो पाई है यही वजह है कि यहां के मूल निवासी को आज सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
दीपक सिंह रावत ने कहा कि मूल निवास 1950 हम गढ़वालियों की पहचान है अपनी अस्मिता की लड़ाई में हमें लड़नी ही पड़ेगी।
इस अवसर पर सुभाष चंद्र नौटियाल ने कहा कि यूपी जेड ए एल आर एक्ट 1950 में उत्तराखण्ड बनने के बाद जो अमेंडमेंट किए गए हैं उनमें बदलाव किए जाने चाहिए और जेड ए एल आर की धारा 143 के पूर्व प्रावधान यथावत रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 143 का उत्तराखण्ड में दुरुपयोग हो रहा है। अनूप थपलियाल ने कहा कि भू कानून की विस्तृत रूप रेखा बनाई जानी चाहिए। किसी भी भूमि विक्रय पर सहखातेदारों को वरीयता का प्रावधान है मगर अधिकारी एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं जिससे मूल निवासियों के लिए स्थिति जटिल हो गई है।सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी रजिस्ट्रार कार्यालय अवहेलना कर रहे हैं।
धरना देने वालों में एडवोकेट पंकज भट्ट, एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी, आशीष मेंदोला, अतुल भट्ट, आशीष किमोठी, राजू मैंदोला, राजेंद्र सिंह, राजेंद्र कपटियाल, दीपक सिंह रावत, अनूप थपलियाल, अनिल जदली, महेंद्र बिष्ट, उम्मीद सिंह रावत, मुजीब नैथानी आदि शामिल थे।