मनोज नौडियाल
नई दिल्ली।भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ नयी दिल्ली द्वारा 64वां अखिल भारतीय प्रौढ़ शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन अमृता विश्वविद्यापीठम्, इतीमदयी कैम्पस, कोयम्बटूर, त्रिवेन्द्रम में 13 से 15 दिसम्बर 2023 को आयोजित किया गया। जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स, पीएचडी धारक, शोधार्थी एवं गैर सरकारी संगठन आदि के द्वारा समाज के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान रखने वाले व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया। इस सम्मेलन में उत्तराखण्ड से डाॅ०सौरभ मिश्र जो कि राजकीय इण्टर कालेज धोबीघाट विकासखण्ड दुगड्डा में कार्यरत है एवं अनौपचारिक एवं प्रसार शिक्षा से डाॅक्ट्रेट की उपाधि धारक है ने प्रतिभाग किया। डाॅ० सौरभ मिश्र द्वारा इस सम्मेलन में “डिजिटल साक्षरता” से सम्बन्धित विषय पर अपना पेपर प्रस्तुत करते हुए उन्होने “डिजिटल साक्षरता के जागरुकता की आवश्यकता” पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, डिजिटल साक्षरता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी इंटरनेटर का उपयोग को अनुच्छेद-21ए के तहत नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार कर दिया है। लेकिन अभी उत्तराखण्ड राज्य में 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत व्यक्ति डिजिटल साक्षर है।
हम सभी लोग एक दूसरे से जुड़े हैं तो वो भी इंटरनेट की वजह से। इंटरनेट के बिना अगर कोई एन्ड्राएड मोबाईल, लैपटाॅप, स्मार्ट फोन आदि का इस्तेमाल भी कर रहा है तो वो वास्तव में डिजिटल रुप से साक्षर नहीं है क्योकि वह इसका सही इस्तेमाल नहीं जानता है। यही वजह है कि, आजकल डिजिटल माध्यम से युवक इन्टरनेट के मायाजाल में फँसकर आॅनलाईन खरीदारी आदि में पैसा लगाता है जिसकारण वह बिना किसी प्रमाण के आॅनलाॅईन खरीदारी के समय फोटो हेरफेर, ईमेल धोखाधड़ी और फिशिंग आदि अक्सर डिजिटल रुप से निरक्षर व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं। जिससे पीड़ितों के पैसे खर्च होते हैं और गुणवत्तायुक्त सामान नहीं मिल पाता।
ग्रामीण परिवारों में शहरी परिवारें के मुकाबले में कम्प्यूटर होने व कम्प्यूटर ज्ञान व इन्टरनेट के उपयोग में कमी को बताया व डिजिटल साक्षरता में लिंग अन्तर सम्बन्धी आँकड़ों में महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले में कमी को बताया। डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत केन्द्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को डिजिटल दुनिया के बारे में जानकारी देने व इन्टरनेट सुविधाओं का लाभ उठाने हेतु “प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल इण्डिया साक्षरता अभियान” के बारे में परिचय देते हुए कहा कि जिन ग्रामीण परिवारों में डिजिटल साक्षरता की कमी है उस परिवार के किसी एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान, भारतीय नेट परियोजना, इंटरनेट साथी प्रोग्राम व उन्नति परियोजना पर प्रकाश डाला।
डिजिटल साक्षरता से हमारे देश में आर्थिक क्रान्ति को बल मिलेगा। डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने व लोगों के बीच की दूरियों को कम करने व एक दूसरे के परस्पर सहयोगी सिद्ध होगा साथ ही इससे कई प्रकार के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे जैसे ग्रामीण इलाकों में “डिजिटल सेवा काॅमन सर्विस सेन्टर” खोलकर इन्टरनेट के माध्यम से पूरी दुनिया से जुड़कर रोजमर्रा के छोटे-बड़े कार्यों को ग्रामीण क्षेत्र से ही संचालित किए जा सकते हैं। जिसमें आॅनलाईन रेलवे टिकट बुक करवाना, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेन्स, पासपोर्ट आदि आॅनलाईन बनवाना अथवा अपडेट करवाना, जमीन के कागजात या जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना, कुछ कम्प्यूटर लगाकर गाँव में ही कम्प्यूटर की शिक्षण प्रशिक्षण देना आदि सम्भव हो सकता है, जिससे एक ओर खुद का सेन्टर खोलकर गाँव बैठे खुद का सेन्टर चलाने का अवसर मिलेगा और दूसरी ओर लोगों को रोजगार भी मिलेगा।