मनोज नौडियाल
गाजियाबाद,शनिवार आर्य समाज राज नगर में चल रहे 39वें वार्षिकोत्सव में ऋग्वेदीय महायज्ञ श्री नरेन्द्र वेदालंकार के ब्रह्मत्व में किया गया,मुख्य यज्ञमान श्रीमती इंद्रा अरोड़ा एवं कृष्ण कुमार अरोड़ा रहे।अचार्य ने यज्ञ के लाभों की चर्चा करते हुए बताया मनुष्य यज्ञ कर परोपकार कर सकता है। ध्यान योग द्वारा मनुष्य के चर्मोत्कर्ष लक्ष्य मोक्ष को पा सकता है।
सुप्रसिद्ध भजनोदेशक पंडित कुलदीप आर्य ने कहा कि अध्यात्मिक व्यक्ति जीवन में प्रेरणाओं को जीवन में गहराइयों तक उतारता है उन्होंने ईश्वर भक्ति के मधुर भजनों को सुनाकर भावविभोर कर दिया।
समारोह के मुख्य वक्ता डा वेद पाल ने कहा कि विश्व कल्याण का मार्ग अध्यात्म है।इस विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि आत्मा की उन्नति का चिन्तन, अध्यात्म है।जीवन तब पूर्ण होता है जब हम अध्यात्म के शिखर पर गहराई से पहुंचते हैं।उन्होंने आगे कहा पतंजलि के अष्टांग योग यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि को अपना कर हम इस अध्यात्म की ओर बढ़ सकते हैं।विद्या और अविद्या को समझने के लिए स्वाध्याय आवश्यक है।साधन शरीर का आत्मा को बोध हो जाना उसकी प्रक्रिया है।
वैदिक प्रवक्ता सूचिषद् मुनि ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब तक मैं अपने को शरीर से अलग होकर आत्म तत्व को नहीं देखता, वह अध्यात्म नहीं है।योगाभ्यास करके इस शरीर को स्वस्थ रखूंगा, यह अध्यात्म है।प्राण शक्ति ईश्वर ने दी है इसलिए हम प्राणी हैं,जो मेरे साथ साथ चले वह अपना है,ईश्वर के अतिरिक्त हमारा कोई सच्चा मित्र नहीं।हम उसके पुत्रवत्त हैं इसलिए उसकी वस्तुएं हमारे लिए हैं।
सम्मेलन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने सुन्दर कार्यक्रम हेतु आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बौद्धिक संसार अध्यात्म के बारे में विचार करता है यह यात्रा अनवरत चलती रहेगी,विधाता भी असीम है। हम जब तक जीवित हैं इस विषय पर विचार करते रहेंगे।
समाज सेवी सुभाष चंद गुप्ता को अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया।
मंच का कुशल संचालन कर रहे ज्ञानेन्द्र आत्रेय ने कहा कि यह ब्रह्मांड जड़ चेतन दो सत्ताओं से बना है,उसी का विश्लेषण शाश्वत शांति और परमानंद की आंतरिक यात्रा है।समस्त विश्व इस समय तनाव में है इसलिए आज अध्यात्म की आवश्यकता है।
महिला सम्मेलन श्रीमती कौशल गुप्ता की अध्यक्षता में हुआ जिसमें मंच संचालन वंदना अरोड़ा ने किया।सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण विषय पर मुख्य अतिथि सुनीता दयाल एवं वशिष्ठ अतिथि सुषमा शर्मा ने विस्तृत चर्चा की।
आर्य समाज के संरक्षक श्रद्धानन्द शर्मा ने आर्य प्रतिनिधियों, उपदेशकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री ओम प्रकाश आर्य,डॉ प्रतिभा सिंघल,डा वीरेंद्र नाथ सरदाना,शशि बल गुप्ता,शिल्पा गर्ग,आशा चौधरी, रक्षा त्यागी, रामनिवास शास्त्री, प्रवीण आर्य आदि उपस्थित रहे।शांति पाठ व प्रसाद वितरण के साथ सभा संपन्न हुई।