सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़्सद नहीं:अरशिया परवीन

मनोज नौडियाल

सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़्सद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए
दुष्यंत कुमार की लिखी इस कविता ने मुझे हमेशा से प्रेरित किया है…..
अपने लिए जिये तो क्या जिये…
ज़िन्दगी वही जो दूसरों के काम आए……
जयपुर/उत्तराखड।मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने के बाद भी उच्च सोच और विचारधारा की मशाल को हाथ में लिए समाज में अलख जगाने का काम कर रही है जयपुर राजस्थान की राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रंगकर्मी / निर्देशिका अरशिया परवीन…..
जो रंगकर्म के साथ साथ समाज के ऐसे तबके लिए कार्य कर रहीं हैं जो एड्स /एचआईवी से ग्रसित हैं जिसके लिए हम आज भी बात करना पसंद नहीं करते …..

अरशिया परवीन की सोच है कि रंगमंच केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि सशक्त जन आंदोलन का एक प्रतीक भी है…..
अरशिया परवीन वर्ष 2013 से जयपुर में स्थित गैर सरकारी संगठन (रेज़ – आशा की एक किरण ) के एचआईवी पॉजिटिव बच्चों के उत्थान और विकास के साथ साथ बौद्धिक व व्यक्तित्व विकास लिए निरंतर कार्य कर रही है…..
वर्ष 2010 से स्थापित रेज़ – आशा की एक किरण* संस्था जयपुर में ऐसे विशेष बच्चों के लिए निरंतर कार्य कर रही है… कैप्टन गुरिंदर विर्क व जयपुर की प्रसिद्ध होटल व्यवसायी रश्मि कुच्छल इसके संस्थापक व निदेशक हैं… इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ऐसे विशेष बच्चों के लिए पूर्णतः समर्पित कर रखा है……
एड्स जैसी लाइलाज बीमारी से विश्व में ना जाने कितने लोग ग्रसित हैं जिन्हें समाज ने हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है….आज 22वीं सदी में भी एड्स को सिर्फ़ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं महानगरों में भी छुआ छूत की बीमारी की तरह देखा जाता है…. आधुनिक युग में भी लोग इसकी भ्रांतियों को लेकर जी रहे हैं….. एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और इसे फैलने से बचाने के लिए रेज़ एनजीओ जयपुर में समय – समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहा है….इस बार भी 1 दिसंबर 2023 विश्व एड्स दिवस पर विशाल एड्स जागरूकता रैली का आयोजन किया जा रहा है…..इस बार भी यह जागरूकता रैली जयपुर स्थित जवाहर सर्किल पर की जा रही है जिसमें अरशिया परवीन लिखित व निर्देशित नुक्कड़ नाटक *हमें भी जीने का हक है का मंचन‌ किया जाएगा…..
अरशिया परवीन अपने गुरू व जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी हेमचंद्र ताम्हणकर के मार्गदर्शन में इन विशेष बच्चों को शिक्षा के साथ – साथ कलात्मक व जीवन कौशल से जुड़े कार्यों की प्रति जागरूक करती हैं चूंकि आज समाज में जितनी प्रतिस्पर्धा है उसमें इस तरह के विशेष बच्चों का सही मार्गदर्शन अति आवश्यक है……
रेज़ एनजीओ संस्था के बच्चे उच्च शिक्षा के साथ – साथ रंगमंच, चित्रकला , कैलीग्राफी, संगीत, गायन , वादन, आई टी आई , फिल्म मेकिंग, वीडियोग्राफी व एडिटिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं…. आज इन बच्चों की सफलता देखकर यह विश्वास और भी मज़बूत हो जाता है कि हमारा जीवन किसी के जीवन को सार्थक बना रहा है।

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